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वीएनएस की मान्यता हो सकती है रद्द

भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी लॉ डिग्री मामले में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान की मान्यता रद्द हो सकती है. टीएमबीयू द्वारा गठित आंतरिक जांच कमेटी इसके लिए अनुशंसा कर सकती है. विश्वविद्यालय गलियारे में यह चर्चा आम है. लोगों का तर्क है कि वीएनएस विधि संस्थान ने तोमर की […]

भागलपुर: दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी लॉ डिग्री मामले में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान की मान्यता रद्द हो सकती है. टीएमबीयू द्वारा गठित आंतरिक जांच कमेटी इसके लिए अनुशंसा कर सकती है. विश्वविद्यालय गलियारे में यह चर्चा आम है. लोगों का तर्क है कि वीएनएस विधि संस्थान ने तोमर की बीएससी की फर्जी डिग्री के आधार पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पंजीयन नहीं कराया होता, तो आज विश्वविद्यालय को देश भर में फजीहत नहीं झेलनी होती.

तोमर विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान के छात्र थे. तोमर ने वर्ष 1994 में विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान, मुंगेर में दाखिला लिया था. वर्ष 1995 में प्रथम व 1996 में द्वितीय खंड की परीक्षा दी थी. किंतु वे 1997 के तृतीय खंड की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाये थे. इसके कारण 1998 में तृतीय खंड की परीक्षा दी थी और वर्ष 1999 में कॉलेज से पासआउट हुए थे.

उनकी अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद की बीएससी डिग्री के आधार पर टीएमबीयू में पंजीयन हुआ था. तोमर की लॉ डिग्री की जांच शुरू हुई, तो आरटीआइ से विश्वविद्यालय ने अवध यूनिवर्सिटी से तोमर की बीएससी डिग्री की सत्यता की सूचना मांगी. अवध यूनिवर्सिटी ने सूचना दी कि वह डिग्री उनके विश्वविद्यालय से जारी नहीं की गयी है.

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