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महकमों को नहीं एक-दूसरे के कागजों पर विश्वास, भुगते जनता!

भागलपुर : ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट . ये दो ऐसे दस्तावेज हैं, जो आज हर व्यक्ति की जरूरत हैं. लेकिन, जब कोई आवेदक यह दस्तावेज बनवाने जाता है, तो वहां मांगे जानेवाले एड्रेस प्रूफ (स्थायी पता-ठिकाना) में उलझ जाता है. और, थक-हार कर परेशान हाल कोई भी व्यक्ति इन कामों के लिए दलालों की शरण […]

भागलपुर : ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट . ये दो ऐसे दस्तावेज हैं, जो आज हर व्यक्ति की जरूरत हैं. लेकिन, जब कोई आवेदक यह दस्तावेज बनवाने जाता है, तो वहां मांगे जानेवाले एड्रेस प्रूफ (स्थायी पता-ठिकाना) में उलझ जाता है. और, थक-हार कर परेशान हाल कोई भी व्यक्ति इन कामों के लिए दलालों की शरण में चला जाता है. दलाल उसका काम पैसा लेकर वही दुरूह काम आसानी से करवा देता है. कुल मिलाकर स्थिति यह हो गयी है कि सरकारी महकमों को खुद एक-दूसरे के कागजात पर विश्वास नहीं है.

पासपोर्ट बनवाने के लिए जो दस्तावेज मान्य हैं, वो ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) में मान्य नहीं है, जबकि पासपोर्ट भारतीय नागरिकता का सबसे बड़ा सबूत है. वहीं डीएल बनवाते समय बिजली, पानी, मोबाइल बिल, गैस कनेक्शन, आधार कार्ड, रजिस्टर्ड रेंट एंग्रीमेंट, बैंक पासबुक को बतौर एड्रेस प्रूफ स्वीकार नहीं किया जाता है. जिन दस्तावेजों को डीए को डीएल बनवाते समय स्वीकार नहीं किया जाता, उन्हीं के आधार पर बना पासपोर्ट डीएल बनवाने में मान्य किया जाता है.
मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव की जरूरत
शहर के एक सीनियर अधिवक्ता के मुताबिक विदेश मंत्रालय समय-समय पर डॉक्यूमेंट्स रूल्स को अपडेट करता रहता है. जबकि सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में डॉक्यूमेंट्स रूल्स करीब 28 साल से नहीं बदले गये हैं, इसमें तुरंत बदलाव की जरूरत है. ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में आधार कार्ड को मान्यता देने की बात होने के साल भर बाद भी इसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है.
पासपोर्ट: नागरिकता का अहम सबूत
पासपोर्ट, यानी भारतीय नागरिकता का सबसे अहम सबूत. विदेश यात्रा करने वाले भारत गणराज्य के नागरिकों के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी किया जानेवाला दस्तावेज है. पासपोर्ट बनवाते वक्त एड्रेस प्रूफ के तौर पर कुछ दस्तावेज की जरूरत होती है. विदेश मंत्रालय ने इसके लिए बिजली, पानी, टेलीफोन बिल, वोटर आइडी कार्ड, गैस कनेक्शन, आधार कार्ड, रजिस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट और बैंक पासबुक को मान्य किया है.
डीएल : वाहन चलाने की अनुमति
ड्राइविंग लाइसेंस, यह एक व्यक्ति विशेष को सार्वजनिक सड़क पर बाइक, कार, ट्रक, बस समेत मोटर चालित वाहन संचालित करने की अनुमति देनेवाला दस्तावेज है. इसके लिए आवेदक का टेस्ट लिया जाता है और सफल होने पर ही डीएल जारी होता है. डीएल बनवाते वक्त आवेदक को फार्म के साथ बतौर एड्रेस प्रूफ कुछ दस्तावेज लगाने होते हैं. सेंट्रल मोटर व्हकिल एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक इसमें पासपोर्ट, वोटर आइडी कार्ड अौर एलआइसी की पॉलिसी रसीद मान्य होती है.

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