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बीएड छात्रों को योग सीखना भी जरूरी

भागलपुर: बीएड कोर्स में योग का अध्याय जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है. इसके अलावा एमएड व डीएलएड कोर्स में भी इसे जोड़ने की बाध्यता हो गयी है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) ने 24 फरवरी को निर्देश जारी कर इन पाठ्यक्रमों में योग के अध्याय को जोड़ने का निर्देश देश भर के संबंधित […]

भागलपुर: बीएड कोर्स में योग का अध्याय जोड़ने की कवायद शुरू हो गयी है. इसके अलावा एमएड व डीएलएड कोर्स में भी इसे जोड़ने की बाध्यता हो गयी है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) ने 24 फरवरी को निर्देश जारी कर इन पाठ्यक्रमों में योग के अध्याय को जोड़ने का निर्देश देश भर के संबंधित शिक्षण संस्थानों को दिया है. इसे लेकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने भी बीएड कोर्स संचालित करनेवाले संस्थानों को योग की पढ़ाई भी कराने का निर्देश दिया है.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के डीन डॉ राकेश कुमार ने बताया कि एनसीटीइ का निर्णय छात्रों को काफी लाभ प्रदान करेगा. आनेवाले समय में प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूलों में कला आधारित शिक्षण शुरू होना है.

इसके लिए हमें ऐसे शिक्षक तैयार करने होंगे, जो कला को भी जाने. वे कला नहीं जानेंगे, तो कला आधारित पढ़ाई नहीं करा सकेंगे. इस कारण बीएड कोर्स के फिजिकल एजुकेशन में योग के साथ-साथ फाइन आर्ट्स एंड ड्रामा व संगीत को भी जोड़ा गया है. उन्होंने बताया कि टीएमबीयू की ओर से बीएड के सिलेबस में योगा को जोड़ा गया था, लेकिन किसी प्रकार का निर्देश नहीं होने के कारण इसे प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा सका था. लेकिन अब सभी संबंधित संस्थानों को इसे लागू करने का निर्देश दिया गया है.

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