भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ मधुसूदन झा को बनाये जाने पर सीनेट सदस्य डॉ योगेंद्र ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने सवाल उठाया है कि पिछले करीब कुछ वर्षो से दो-तीन लोगों में ही परीक्षा नियंत्रक का पद क्यों बांटा जाता है. जब सिंडिकेट ही फैसला ले रही है कि परीक्षा विभाग की जांच विजिलेंस से करायेंगे, तो फिर उसी व्यक्ति को परीक्षा नियंत्रक क्यों बना दिया जाता है, जो पिछले पांच वर्षो में कई बार इस पद पर रह चुके हैं.
कहीं विवि तथ्यों को झुठलाना तो नहीं चाहता. उन्होंने बताया कि कुलसचिव ने यह बयान दिया है कि डॉ रामाशीष पूर्वे को इसलिए परीक्षा नियंत्रक पद से हटाया गया कि वे जांच प्रभावित कर सकते हैं, तो क्या यह बातें डॉ मधुसूदन झा पर लागू नहीं होती. घुमा फिरा कर उसी आदमी को परीक्षा नियंत्रक बना कर विवि को सुधारने का यह कदम बताता है कि विवि को कोई मतलब नहीं रह गया है परीक्षा विभाग से.
उन्होंने बताया कि प्रेमा झा के समय से वृहत पैमाने पर छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग होना शुरू हुआ. तब डॉ झा ही परीक्षा नियंत्रक थे. उन्होंने मांग की कि डॉ मधुसूदन झा, डॉ रामाशीष पूर्वे व डॉ राजीव रंजन पोद्दार के अतिरिक्त विवि के किसी भी शिक्षक को परीक्षा नियंत्रक बनाया जाये ताकि निगरानी जांच में सुविधा हो और पेंडिंग रिजल्ट भी सुधारा जा सके.