संदिग्धों से पुलिस कर रही पूछताछ
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भाकपा नेता की हत्या. बेटी ने कहा, पापा की नहीं थी किसी से दुश्मनी
संदिग्धों से पुलिस कर रही पूछताछ हत्या के स्पष्ट कारणों का नहीं हो पाया है खुलासा सीपीआइ का झंडा झुकाया गया सुलतानगंज : थाना से सौ गज की दूरी पर रिटायर्ड शिक्षक सह सीपीआइ के नगर मंत्री वासुदेव शर्मा का शव मिलते ही खबर आग की तरह चारों ओर फैल गयी. हत्या के कारणों का […]
हत्या के स्पष्ट कारणों का नहीं हो पाया है खुलासा
सीपीआइ का झंडा झुकाया गया
सुलतानगंज : थाना से सौ गज की दूरी पर रिटायर्ड शिक्षक सह सीपीआइ के नगर मंत्री वासुदेव शर्मा का शव मिलते ही खबर आग की तरह चारों ओर फैल गयी. हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. संदिग्ध लोगों से विधि- व्यवस्था डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर, प्रशिक्षु एएसपी जी मंगला, प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष एस के अनुभवी, अंचल इंस्पेक्टर ललन शर्मा पूछताछ की. मृतक के थाना समीप घर पर भी एक घंटे से अधिक पुलिस ने परिजनों से भी पूछताछ की.
घर से बिजली बिल ठीक कराने निकले थे वासुदेव : थाना समीप घर से बुधवार को दिन के 11:30 बजे बिजली बिल ठीक कराने के लिए वासुदेव शर्मा निकले थे. देर शाम तक वापस नहीं आने आये, तो घर वालों ने खोजबीन शुरू की, लेकिन कोई पता नहीं चला. गुरुवार को थाना में भी लापता होने की सूचना दी गयी. खोजबीन के दौरान ही उनका शव मिला. परिजनों ने कहा कि किसी से कोई दुश्मनी या झगड़ा नहीं थी. पुत्री अंशु कुमारी पिता के हत्या के बाद शोकाकुल थी. उसने कहा कि आखिर किसी से पापा की दुश्मनी नहीं थी, तो हत्या क्यों कर दी. मृतक को तीन पुत्र अरविंद, अमित व अमरेंद्र तथा तीन पुत्री अमृतांशु, अंशु व अर्चना है. सभी की शादी हो चुकी है. मृतक की पुत्री ने बताया कि मां का निधन वर्ष 2006 में ही हो चुका है. पिता वर्ष 2005 में मध्य विद्यालय,मनसकामनानाथ कर्णगढ़, नाथनगर से सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्ति के बाद शिक्षा व समाज सेवा से जुड़े रहे.
स्कूल का उद्घाटन नहीं कर पाये : रिटायर्ड शिक्षक सह सीपीआई नेता वासुदेव शर्मा थाना समीप अपने आवास पर ही ज्ञान गंगा आवासीय विद्यालय का शुभारंभ करने वाले थे. जिसके लिए छात्रों का नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी. परिजनों ने बताया कि जल्द ही नये सत्र से स्कूल का शुभारंभ होता. जिसके लिए शर्मा ने काफी मेहनत कर स्कूल खोलने के लिए तत्पर थे. हत्या के बाद स्कूल खोलने का सपना अधूरा ही रह गया. मृतक के दामाद सुभाष चंद्र भारती, समधी राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि किसी से दुश्मनी नहीं रहने के बाद भी वासुदेव को गोली मार कर हत्या आखिर क्यों कर दी गयी. समझ में नहीं आ रहा है. सूत्रों की मानें तो आवासीय विद्यालय खोलने के दौरान उनकी इच्छा सुलतानगंज में एक बीएड व अन्य उच्च स्तरीय शिक्षण-संस्थान खोलने की थी. जिसके लिए जमीन की खोज भी कर रहे थे. इसके लिए बड़ी संस्था से उनकी बात हुई थी. आशंका व्यक्त की जा रही है कि उनके पास अधिक पैसे होने की भनक अपराधी को लगी होगी. परिजनों ने बताया कि कभी भी मृतक वासुदेव ने अपराधी द्वारा तंग करने की ऐसी कोई जानकारी परिवार वालों को नहीं दी थी.
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