भागलपुर : रामचरितमानस ग्रंथ का पाठ करने से सारे पाप मिट जाते हैं. यह लोगों को धर्म से अवगत कराता है. धर्म नहीं तो जीवन बेकार है. आज घर-घर में विवाद है. भाई-भाई का दुश्मन है, पति-पत्नी का दुश्मन होता जा रहा है. यह धर्म की सच्चाई पर विश्वास नहीं करने का नतीजा है. जो मां-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी के रिश्ते को समझ ले, वहीं धर्म को समझ सकता है. उक्त बातें संतों ने गुरुवार को मानस सद्भावना सम्मेलन के समापन समारोह के दौरान कही.
अरुण शुक्ला ने हवन कराया और यज्ञ की पूर्णाहुति की. प्रवचन करने वाले संतों में मानस कोकिला हीरामणी, भोपाल से पधारे अंजनीनंदन शरण महाराज, महाण्डलेश्वर अतुलेशानंद महाराज, पंडित शंभुनाथ शास्त्री आदि शामिल थे. समापन समारोह के दौरान संयुक्त सचिव संदीप सिंह के नेतृत्व में समिति की ओर से तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ अवध किशोर राय,
कांग्रेस नेता प्रवीण सिंह, विपिन कुमार सिंह, डॉ सच्चिदानंद, संजय राणा आदि को सम्मानित किया गया. समापन समारोह में प्रधान संरक्षक दिवाकर चंद्र दुबे, अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह, उपाध्यक्ष नवीन कुमार, विजय कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिन्हा, उमेश प्रसाद साह, प्रेस प्रवक्ता महेश राय, सुनीता सिंह, सुनील कुमार चटर्जी, प्रणव दास, शाहीन अख्तर, गायत्री देवी आदि का योगदान रहा. सम्मेलन में विभिन्न संप्रदाय के गण्यमान्य शामिल हुए. इस दौरान उन्हें सम्मानित किया गया.