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भागलपुर में बनेगा फॉरेंसिक साइंस लैब

भागलपुर में बनेगा फाॅरेंसिक साइंस लैबभागलपुर के आइजी कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बोले सीआइडी के आइजी- बीपीएससी व एसएससी से 117 फोरेंसिक वैज्ञानिकों का होगा चयन- भागलपुर, नवगछिया व बांका जिले के कोर्ट में चल रहे हैं स्पीडी ट्रायल के 89 मामले संवाददाता, भागलपुरस्पीडी ट्रायल मामले की समीक्षा करने शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे […]

भागलपुर में बनेगा फाॅरेंसिक साइंस लैबभागलपुर के आइजी कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में बोले सीआइडी के आइजी- बीपीएससी व एसएससी से 117 फोरेंसिक वैज्ञानिकों का होगा चयन- भागलपुर, नवगछिया व बांका जिले के कोर्ट में चल रहे हैं स्पीडी ट्रायल के 89 मामले संवाददाता, भागलपुरस्पीडी ट्रायल मामले की समीक्षा करने शुक्रवार को भागलपुर पहुंचे सीआइडी के आइजी विनय कुमार ने कहा कि केस के गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान के लिए फॉरेंसिक जांच आवश्यक है. इसके लिए फाॅरेंसिक साइंस लैब का महत्व काफी बढ़ गया है. अभी पूरे बिहार राज्य में पटना व मुजफ्फरपुर में ही फॉरेंसिक साइंस लैब है. इसमें 74 सीनियर साइंटिस्ट व 27 साइंटिस्ट कार्य कर रहे हैं. अब भागलपुर में भी इसकी स्थापना करने की पहल हो रही है. आइजी सीआइडी ने कहा कि बीपीएसी व एसएससी द्वारा 117 फाॅरेंसिक वैज्ञानिकों का चयन किया जायेगा. फाॅरेंसिक विभाग में अभी 100 मैन पावर हैं. अब तक भागलपुर में कार्य के लिए चार-पांच लोगों की प्रतिनियुक्ति होती थी. जो कुछ दिन रहने के बाद वापस मुख्यालय लौट जाते थे. यहां स्थायी रूप से फॉरेंसिक एक्सपर्ट को रखने की व्यवस्था की जायेगी. फाॅरेंसिक जांच को प्रभावी बनाने के लिए सरकार की ओर से उपकरणों व आवश्यक संसाधनों की खरीद के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी है. वैज्ञानिकों को फॉरेंसिक जांच की ट्रेनिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा कार्यशाला आयोजित की जायेगी. स्पीडी ट्रायल मामले में लें फॉरेंसिक विशेषज्ञ की मददवहीं भागलपुर जोनल आइजी कार्यालय में सीआइडी के आइजी ने नवगछिया, बांका व भागलपुर जिले में चल रहे स्पीडी ट्रायल मामले की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने बेहतर और त्वरित अनुसंधान कर चार्जशीट दाखिल करने व स्पीडी ट्रायल के लिए मामले को न्यायालय में भेजने आदि के लिए सभी पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि अब तक न्यायालय में चल रहे लंबित स्पीडी ट्रायल के मामले के जल्द निबटारे के लिए संबंधित पदाधिकारी केस के साक्ष्य, गवाह के बयान दर्ज कराने व उसके समय पर न्यायालय में उपस्थित कराने की विशेष व्यवस्था करे. इसके अलावा दर्ज नये मामले में जहां त्वरित न्याय की आवश्यकता हो, उसे स्पीडी ट्रायल के लिए न्यायालय में भेजे. स्पीडी ट्रायल में भेजे जाने वाले केस के अनुसंधान में फाॅरेंसिक एक्सपर्ट का उपयोग करे ताकि मामला जल्द सुलझे और समय पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो सके. बैठक के बाद उन्होंने जाेनल आइजी कार्यालय स्थित फोरेंसिक विभाग का भी निरीक्षण किया. बैठक में भागलपुर जोनल आइजी बच्चू सिंह मीणा, डीआइजी उपेंद्र प्रसाद सिन्हा, भागलपुर एसएसपी विवेक कुमार, सिटी एसपी अवकाश कुमार, बांका एसपी डॉ सत्य प्रकाश व नवगछिया एसपी पंकज कुमार आदि शामिल हुए.स्पीडी ट्रायल में अधिकतर आर्म्स एक्ट के मामले विभागीय सूत्रों के अनुसार भागलपुर, नवगछिया व बांका जिले में 17 दिसंबर तक स्पीडी ट्रायल के 89 मामले कोर्ट में चल रहे हैं. इनमें आधे से अधिक आर्म्स एक्ट के हैं. अन्य हत्या, रेप, डकैती आदि के मामले हैं. अब इन तीनों जिलों से 18 दिसंबर 2015 को और भी 26 स्पीडी ट्रायल के मामले जुट गये है. सीआइडी आइजी ने इन सभी मामलों के शीघ्र निबटारे के लिए पुलिस पदाधिकारियों को पत्र भेजा है.

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