गणित विषय में फेल सुमित राणा ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन दिया. स्क्रूटनी में 21 की जगह 89 अंक तो मिले, पर इसकी जानकारी स्क्रूटनी के रिजल्ट के तौर पर भी सुमित राणा को नहीं दिया गया. इसके बाद सुमित राणा ने सूचना के अधिकार के तहत उत्तर पुस्तिका निकलवायी. इसके बाद सुमित राणा को सही रिजल्ट पता चला.
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कारनामा: 89 के बदले बिहार बोर्ड ने गणित में दिया 21 अंक, गड़बड़ है बोर्ड का ”गणित”
भागलपुर/ पटना: सारे विषय मे अच्छे अंक आये. गणित विषय में भी उसे 89 अंक आये. लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शिक्षकों की मेहरबानी ऐसी की मात्र 21 अंक देकर सुमित राणा को मैट्रिक 2015 की परीक्षा में फेल कर दिया गया. गणपति सिंह उच्च विद्यालय कहलगांव, भागलपुर का छात्र सुमित राणा (रॉल नंबर […]
भागलपुर/ पटना: सारे विषय मे अच्छे अंक आये. गणित विषय में भी उसे 89 अंक आये. लेकिन बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के शिक्षकों की मेहरबानी ऐसी की मात्र 21 अंक देकर सुमित राणा को मैट्रिक 2015 की परीक्षा में फेल कर दिया गया. गणपति सिंह उच्च विद्यालय कहलगांव, भागलपुर का छात्र सुमित राणा (रॉल नंबर 1500329 रॉल कोड 31064) को यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मिली.
22 जून से भटक रहा सुमित : 20 जून को मैट्रिक का रिजल्ट निकला. 22 जून को सुमित राणा ने स्क्रूटनी के लिए अप्लाई किया. जुलाई में स्क्रूटनी का रिजल्ट मिला. संस्कृत में तो दो अंक बढ़े, लेकिन गणित में अंक जस के तस रहे. इसके बाद सुमित राणा ने सूचना के अधिकार के तहत गणित विषय की उत्तर पुस्तिका के लिए आवेदन दिया. 22 अक्तूबर को सुमित राणा को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उत्तर पुस्तिका उपलब्ध करवाया. इसके बाद सुमित राणा ने बोर्ड सचिव से मिल कर सारी बातें बतायी. बोर्ड सचिव ने 10 दिनों के अंदर रिजल्ट देने का आश्वासन दिया. लेकिन अभी तक सुमित को अपना ऑरिजनल रिजल्ट नहीं मिल पाया है.
दो विषयों में किया था स्क्रूटनी को आवेदन
सुमित राणा ने दो विषय गणित और संस्कृत के लिए स्क्रूटनी में आवेदन दिया था. सुमित राणा ने बताया कि संस्कृत में दो अंक बढ़े. 63 की जगह 65 अंक आये. लेकिन गणित में अंक नहीं बढ़ा. बोर्ड के वेबसाइट पर जब रॉल नंबर देकर चेक किया तो गणित में न तो अंक बढ़ा दिखाया और न ही नो चेंज का आॅप्शन आया.
प्लस टू में नहीं ले पाया अब तक नामांकन : मैट्रिक में फेल होने के कारण सुमित राणा अब तक प्लस टू में नामांकन नहीं ले पाया है. जब तक उसे ऑरिजनल अंक पत्र नहीं मिल जाता है, तब तक उसका नामांकन प्लस टू में नहीं हो पायेगा. सुमित राणा ने बताया कि मेरा एक साल बर्बाद हो गया.
उत्तर पुस्तिका में 78 को शिक्षक ने कर दिया था 21 अंक
सुमित राणा को गणित में 78 अंक आये थे. लेकिन शिक्षक की लापरवाही कहें या जानकारी का अभाव, शिक्षक कुल अंक को जोड़ने में गलती कर गये, और उत्तर पुस्तिका के मुख्य पृष्ठ पर 78 की जगह 21 अंक दे दिया. इसके बाद जब सुमित राणा के उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी हुई तो 78 से भी बढ़ कर कुल अंक 89 हो गया. इसके बावजूद सुमित राणा को समय पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से सूचना नहीं दिया गया.
छात्र मिलने आया था. उसका रिजल्ट जल्द से जल्द देने की कोशिश की जा रही है. शिक्षक की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ था. जल्द उसे रिजल्ट मिल जायेगा.
हरिहर नाथ झा, सचिव, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
शिक्षा मंत्री के कहने के बावजूद अब तक नहीं मिला रिजल्ट
रिजल्ट के लिए सुमित राणा बुधवार 16 दिसंबर को फिर बोर्ड सचिव से मिला. लेकिन बोर्ड सचिव समिति कार्यालय में मौजूद नहीं थे. इसके बाद गुरुवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के जनता दरबार में जाकर अपनी बातें मंत्री जी के सामने रखी. सुमित ने बताया कि गुरुवार को शिक्षा मंत्री को सारी बातें बतायी. शिक्षा मंत्री ने बोर्ड सचिव हरिहरनाथ झा को तुरंत फोन कर मेरा रिजल्ट देने को कहा. मंत्री जी के कहने के बाद मै 2.30 बजे सचिव से मिलने बोर्ड आया. लेकिन मुझे फिर पांच दिनों में रिजल्ट भेजने देने का आश्वासन ही मिला.
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