23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

15 दिन में दवा स्टॉक रजिस्टर करें दुरुस्त

भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने अस्पताल अधीक्षक व सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा अस्पताल में कभी भी दवा के स्टॉक को सही तरीके से मेंटेन नहीं किया जाता है. उन्होंने 15 दिन में दवा स्टॉक का […]

भागलपुर: जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने अस्पताल अधीक्षक व सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा अस्पताल में कभी भी दवा के स्टॉक को सही तरीके से मेंटेन नहीं किया जाता है.

उन्होंने 15 दिन में दवा स्टॉक का मेंटेन करते हुए स्टॉक रजिस्टर दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. बैठक के दौरान आयुक्त श्री आलम ने कहा कि उन्होंने जब भी दवा के स्टॉक की जांच की, कभी भी स्टॉक मेंटेन नहीं मिला. आज भी निरीक्षण के दौरान स्टॉक सही नहीं पाया गया. इससे अस्पताल में कौन सी दवा की कमी है और तत्काल किसकी आवश्यकता है, इसका पता ही नहीं चलता है.

उन्होंने बताया कि अब तक राज्य स्वास्थ्य समिति से दवा की खरीद होती थी, लेकिन अब मेडिकल कॉरपोरेशन से दवा की खरीद होगी. इसलिए उन्होंने दिसंबर से मार्च तक की जरूरत के हिसाब से प्रपोजल बना कर एक सप्ताह के अंदर पटना भेजने का निर्देश दिया. बैठक में अस्पताल अधीक्षक डॉ विनोद प्रसाद, मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ केडी मंडल, सजर्री के विभागाध्यक्ष डॉ यू नाथ, शिशु रोग के विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा, रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ आनंद मुरारका आदि उपस्थित थे.

डोयन की जांच रिपोर्ट पर सवाल
बैठक में विभिन्न विभागाध्यक्षों व चिकित्सकों ने कहा कि डोयन की ओर से कई बार जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी होने के कारण इलाज में परेशानी आती है. इस पर आयुक्त श्री आलम ने दिसंबर के पहले सप्ताह में डोयन के निदेशक को बुला कर उसके साथ बैठक करते हुए इस खामी को तत्काल दूर कराने को कहा. उन्होंने कहा कि यदि फिर भी रिपोर्ट ठीक नहीं आती है तो, अस्पताल में जांच की पुरानी व्यवस्था को चालू की जायेगी. इसके अलावा यह भी बताया गया कि जांच के लिए जाने वाली ओपीडी की परची पर हेल्थ मैनेजर का हस्ताक्षर होने के बाद ही जांच होती है, लेकिन कई बार मैनेजर के नहीं होने पर मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती है. आयुक्त ने इसमें बदलाव करते हुए कहा कि सबंधित यूनिट के रेजिडेंट चिकित्सक के हस्ताक्षर से भी डोयन के द्वारा जांच की जायेगी.

सुरक्षा व सफाई में गड़बड़ी पर रोकें वेतन
अस्पताल में सफाई व्यवस्था की दयनीय स्थिति पर आयुक्त ने अस्पताल अधीक्षक को सख्त हिदायत दी. उन्होंने कहा कि इसके लिए सफाई कर्मियों पर सख्ती की जाये. यदि वह मनमानी करते हैं और अधीक्षक की बात नहीं मानते हैं तो सफाई कर्मी देने वाली आउटसोर्स एजेंसी का पैसा अवरुद्ध किया जाये. यही व्यवस्था उन्होंने सुरक्षा को लेकर भी करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक मरीज के साथ दो से ज्यादा अटेनडेंट प्रवेश नहीं करें. इस पर रोक लगनी चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें