भागलपुर : पटाखा फोड़े जाने से एक तरफ जहां ध्वनि एवं वायु प्रदूषण बढ़ता है, वहीं आसपास गंदगी का वातावरण भी बन जाता है. पटाखा फोड़े जाने से आसपास रहने वाले अस्थमा एवं ह्रदय रोगियों की बीमारी भी बढ़ जाती है.
यहां तक वायु में सल्फर व गंध के घुलने से नदी एवं पोखरे के पानी में आक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है जिससे जलीय जीवों के जीवन पर संकट आ जाता है. आइये इस दीपावली पर पटाखा न फोड़ने का संकल्प ले ताकि स्वस्थ एवं स्वच्छ समाज की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक सार्थक कदम बढ़ाया जा सके.