भागलपुर: एनएच-80 का नाम बदलकर अब एनएच-33 कर दिया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे ने वर्ष 2010 में यह निर्णय लिया था, पर वर्ष 2013 में इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. अब से पहले इस रूट की सड़क निर्माण व मरम्मत का कार्य एनएच-80 के नाम से किया जा रहा था, पर नया काम एनएच-33 के नाम से स्वीकृत होगा.
नाम परिवर्तन होने के साथ ही इसकी लंबाई भी बढ़ा दी गयी है. पहले जो एनएच-80 घोरघट से मिरजाचौकी मार्ग तक हुआ करता था, वह एनएच-33 बनने के बाद बिहार के अरवल, जहानाबाद, बंधुगंज, एकांगरसराय, बिहारशरीफ, मोकामा, लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर, कहलगांव होते हुए झारखंड के साहेबगंज, राजमहल, बड़हड़वा के रास्ते पश्चिम बंगाल के फरक्का तक फैल गया है.
अधिकारियों के मुताबिक अब अरवल से लेकर फरक्का तक एनएच-33 कहलायेगा. उन्होंने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे ने वर्ष 2010 के निर्णय का नोटिफिकेशन अब जारी कर दिया है.
तीन स्टेट को जोड़ेगा एनएच-31
एनएच-31 की भी लंबाई बढ़ा दी गयी है. इसे अब तीन स्टेट यूपी, बिहार व पश्चिम बंगाल को जोड़ दिया गया है. इसका विस्तार अब यूपी के उन्नाव, लालगंज, रायबरेली, सलोन, प्रतापगढ़, मछलीशहर, जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बिहार के छपरा, हाजीपुर, बख्तियारपुर, मोकामा, बेगूसराय, खगड़िया, बिहपुर, कोढ़ा, कटिहार एवं पश्चिम बंगाल के हरिशचंद्रपुर, पंडुआ तक हो गया है. इससे पहले एनएच-31 तीन पार्ट में बख्तियारपुर से बरौनी जीरोमाइल तक 64 किमी, बरौनी जीरोमाइल से खरीक तक 114 किमी व खरीक से पूर्णिया तक 79 किमी थी.
बिहपुर से नेपाल सीमा तक होगा एनएच-131
बिहपुर से किशनगंज, मधेपुरा को जोड़ते हुए भारत नेपाल सीमा के निकट बीरपुर तक के राजमार्ग को एनएच-131 का दर्जा दिया गया है.