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शक्षिकिा हत्याकांड : पुलिस के तरकस में तीर नहीं

शिक्षिका हत्याकांड : पुलिस के तरकस में तीर नहीं – अब पोलीग्राफ टेस्ट का सहारा – चालक विपिन का होगा पोलीग्राफी टेस्ट – 12 सितंबर की रात भ्रमरपुर गांव में हुई थी हत्या -फोटो भी है नवगछिया / बिहपुर बिहपुर थाना क्षेत्र के भ्रमरपुर गांव की शिक्षिका व शक्ति कंसट्रक्शन के संचालक नीरज मिश्र उर्फ […]

शिक्षिका हत्याकांड : पुलिस के तरकस में तीर नहीं – अब पोलीग्राफ टेस्ट का सहारा – चालक विपिन का होगा पोलीग्राफी टेस्ट – 12 सितंबर की रात भ्रमरपुर गांव में हुई थी हत्या -फोटो भी है नवगछिया / बिहपुर बिहपुर थाना क्षेत्र के भ्रमरपुर गांव की शिक्षिका व शक्ति कंसट्रक्शन के संचालक नीरज मिश्र उर्फ नीरज सेठ की मां कृष्ण कुमारी मिश्रा हत्याकांड के डेढ़ माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ अब तक हत्यारों के गिरहबान से कोसों दूर हैं. पुलिस ने प्रथम चरण के अनुसंधान, फारेंसिक जांच की प्रक्रिया को पूरा कर लिया है, लेकिन पुलिस को अब तक किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली है. अब पुलिस संदिग्ध लोगों का पोलीग्राफ टेस्ट करवा कर कांड के अनुसंधान को दिशा देने की तैयारी कर रही है. पुलिस इस मामले में संदिग्ध नन्हकार निवासी शिक्षिका के कार के चालक विपीन सिंह का पोलीग्राफ टेस्ट करवाने का मन बना चुकी है. इसके लिए पुलिस पहले न्यायालय से आदेश लेगी फिर पोलीग्राफी टेस्ट के लिए विपिन को पटना भेजा जायेगा. मामले में अनुसंधान खुद थानाध्यक्ष राजेश शरण कर रहे हैं. मालूम हो कि शक की सूई शिक्षिका के ईद गिर्द रहने वाले हर किसी पर है. इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि किसी अपने ने ही शिक्षिका के साथ विश्वासघात करके उसकी हत्या कर दी और घर के कीमती समान लूट ली. ऐसे में यह भी कहा जा रहा है पुलिस की हर गतिविधि या शिक्षिका के परिजनों की हर गतिविधि से अपराधी जरूर अवगत होंगे. दूसरी ओर जब घटना के डेढ़ माह से भी अधिक समय हो गये हैं तो अपराधी आसानी से चरण बद्ध तरीके से साक्ष्यों को मिटा चुके होंगे. अगर ऐसा हुआ होगा तो पुलिस की पेचीदगी बढ़ती चली जायेगी. लोगों का तो अब यह भी कहना है कि पुलिस अगर आपराधियों तक पहुंच भी गयी, तो ठोस साक्ष्य का अभाव पुलिस के पास होगा और न्यायालय में पुलिस का अनुसंधान चारो खाने चित हो जायेगा और अपराधी साक्ष्य के आभाव में बरी हो जायेंगे. नवगछिया में इस तरह के मामले पहले भी देखे जा चुके हैं. चर्चित असम के सिल्चर निवासी प्रीतम भट्टाचार्य हत्याकांड में पुलिस स्तर से किये गये अनुसंधान में सामने आये सभी आरोपियों के जेल भेज दिया गया, लेकिन ठोस साक्ष्य पुलिस के पास नहीं था. लिहाजा कोर्ट में पुलिस का अनुसंधान प्रमाणिकता की कसौटी पर टिक नहीं पाया और इसका लाभ सभी आरोपियों को मिला और सबों को बरी कर दिया गया. शिक्षिका हत्याकांड में भी इसकी पुनर्रावृति न हो जाये इस बात डर मृतका शिक्षिका के परिजनों व आम लोगों को है. मालूम हो कि 12 सितंबर की रात को भ्रमरपुर गांव के पास एनएच 31 के किनारे स्थिति शिक्षिका के घर में घुस कर अज्ञात लोगों ने शिक्षिका की हत्या कर दी और घर के कीमती सामान लूट लिये. इस मामले में शिक्षिका की पुत्री वंदना मिश्रा ने बिहपुर थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है.

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