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बंगाल व देश के हालात का जीवंत चत्रिण

बंगाल व देश के हालात का जीवंत चित्रण-कालीबाड़ी में जात्रा शैली में अग्नि गर्भ-बंगाल की रंगबाज बहू बांग्ला नाटक का मंचन फोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता,भागलपुरकालीबाड़ी परिसर में शनिवार को पहले दिन तपोवन नाट्य कंपनी की ओर से नीलकमल चटर्जी रचित व निर्देशित अग्निगर्भ-बंगाल की रंगबाज बहू नाटक का मंचन जात्रा शैली में किया गया. […]

बंगाल व देश के हालात का जीवंत चित्रण-कालीबाड़ी में जात्रा शैली में अग्नि गर्भ-बंगाल की रंगबाज बहू बांग्ला नाटक का मंचन फोटो नंबर : आशुतोष जीसंवाददाता,भागलपुरकालीबाड़ी परिसर में शनिवार को पहले दिन तपोवन नाट्य कंपनी की ओर से नीलकमल चटर्जी रचित व निर्देशित अग्निगर्भ-बंगाल की रंगबाज बहू नाटक का मंचन जात्रा शैली में किया गया. नाटक में बंगाल व देश के हालात का चित्रण किया गया तो वर्तमान हालात बखूबी उतर आया. सधे हुए संवाद व अभिनय ने कलाकारों की प्रतिभा को प्रदर्शित किया. लोक शैली में खेले गये इस नाटक में संगीत प्राण-वायु की तरह था. ध्वनि संयोजन, प्रकाश व्यवस्था नाटक के अनुरूप था. मुक्ताकाश मंच पर खेले गये इस नाटक में प्रयोग किये गये लोकगीतों ने बंगाली संस्कृति व परंपरा को फिर से परिभाषित करने का काम किया. नाटक में दिखाया गया कि बंगाल बंग्लादेशी व पाकिस्तानी आतंकवादियो का अड्डा बन गया है और क्षेत्रीय लोग परेशान हैं. इतना ही इसमें बंगाल सरकार अपना सत्ता बनाये रखने के लिए उन आतंकवादियों को सह दी हुई है. नाटक में गोधूली मुख्य नायिका है, जो पूरे नाटक की सूत्रधार भी है. गोधूली गरीब लड़की है, जिसका जमीन अातंकवादी हड़प लेता है और उससे शादी करना चाहता है. गोधूली में राष्ट्रभक्ति की भावना होती है, इसलिए वह अपने देश के भूवन से शादी कर लेती है. इसलिए आतंकवादियों ने साजिश के तहत कुहेली के जरिये भुवन को मार दिया. सायंतिका समेत अन्य आतंकवादियों को गोधूली मार कर बदला लेती है और लोगों के बीच देश व समाज को एकजुट होकर बाहरी तत्वों से संघर्ष करने की अपील करती है, ताकि लोगों के घरेलू विवाद का फायदा बाहरी लोग न उठा सके. नाटक में बंगाली अभिनेत्री पापिया अधिकारी ने मुख्य भूमिका, अपूर्व ने अभिनेता, सायंतिका ने कुहेली नामक विलेन की भूमिका में, अरूणाभ, जलद, विदिशा मोहंती, मीता हलदर समेत 62 कलाकारों ने सधी हुई भूमिका की. संगीत निदेशक सोमनाथ चक्रवर्ती, फाइट मास्टर काजल मंडल थे और बैक ग्राउंड म्यूजिक राखो हरिदत्त की थी. कार्यक्रम का मैनेजमेंट अनूप माइको का था. पूरा अभिनय साढ़े तीन घंटे का था. इससे पहले कार्यक्रम का उदघाटन डीएम आदेश तितरमारे, कालीबाड़ी कमेटी की अध्यक्ष डॉ सुजाता शर्मा, डिप्टी मेयर प्रीति शेखर, डॉ हेमशंकर शर्मा, राजीवकांत मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर किया. मंच का संचालन सांस्कृतिक सचिव तापस घोष एवं देवाशीष बनर्जी ने किया. महासचिव विलास बागची ने बताया कि 2002 के बाद जात्रा कार्यक्रम की परंपरा शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है. रविवार को भी जात्रा कार्यक्रम होगा. जात्रा देखने के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों खासकर बंगाली बहुल क्षेत्र के सैकड़ों लोग देर रात तक जमे रहे.

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