भागलपुर: जिन अपराधियों के खिलाफ एक फरवरी 2015 से पहले गैर जमानती वारंट जारी हुआ है और उस अपराधी ने जमानत नहीं ली है, तो इस बार विधानसभा चुनाव में वे वोट नहीं डाल पायेंगे. छह महीने से ज्यादा समय से गैर जमानती वारंट जारी होने के बावजूद जमानत नहीं लेनेवाले अपराधियों का नाम मतदाता सूची से हटाया जायेगा. इसके लिए चुनाव आयोग ने गैर जमानती वारंट वाले अपराधियों की सूची मांगी है. इसको लेकर सभी थानों में वारंटी अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है. सोमवार को सभी थानों के प्रभारी और इंस्पेक्टर ऐसे अपराधियों की सूची तैयार करने में लगे थे.
पहले वेरिफिकेशन जरूरी होगा. थानों में गैर जमानती वारंट वाले अपराधियों की संख्या बहुत है. ऐसे में पुलिस को पहले यह वेरिफाइ करना होगा कि किसी अपराधी ने हाई कोर्ट से जमानत ली है या नहीं. जिसने कोर्ट से जमानत ले ली है, उसे पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी. वेरिफिकेशन के लिए प्रत्येक थाना द्वारा कोर्ट से संबंधित थानों के अपराधियों के जमानत लिए जाने का ब्योरा मांगा जायेगा. जिसने जमानत नहीं ली होगी उसे न सिर्फ गिरफ्तार किया जायेगा बल्कि उस अपराधी का नाम मतदाता सूची से भी हटा दिया जायेगा.
एक उदाहरण पेश होगा. चुनाव आयोग द्वारा अपराध मुक्त चुनाव कराने में यह फैसला काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आपराधिक चरित्र वाले व्यक्ति को न सिर्फ चुनाव लड़ने से बल्कि चुनाव में वोट डालने के अधिकार से वंचित कर समाज में एक संदेश दिया जायेगा कि अपराधियों से लोकतंत्र में उनका सबसे बड़ा अधिकार भी छीन लिया जायेगा. इस फैसले से अपराधियों की मनमानी पर अंकुश लगेगा.