भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की स्थापना 12 जुलाई 1960 को हुई थी. रविवार को यह संस्थान 56वां स्थापना दिवस मनायेगा. पिछले एक दशक में काफी उतार-चढ़ाव पर चल रहे इस संस्थान ने पिछले एक वर्ष से अपनी गरिमा वापस करने का प्रयास किया है. टीएनबी कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज को नैक से मिले ए ग्रेड […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की स्थापना 12 जुलाई 1960 को हुई थी. रविवार को यह संस्थान 56वां स्थापना दिवस मनायेगा. पिछले एक दशक में काफी उतार-चढ़ाव पर चल रहे इस संस्थान ने पिछले एक वर्ष से अपनी गरिमा वापस करने का प्रयास किया है. टीएनबी कॉलेज व मारवाड़ी कॉलेज को नैक से मिले ए ग्रेड से टीएमबीयू का सिर देश भर में ऊंचा हुआ. लेकिन पिछले चार महीने से चल रहे तोमर प्रकरण से टीएमबीयू आहत भी हुआ. हालांकि यह माना जा रहा है कि तोमर प्रकरण की जड़ में बैठे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई, तो देश का विश्वास यह संस्थान जीत लेगा.
शोधार्थियों के लिए इस स्थापना दिवस में भी साइबर लाइब्रेरी का सपना पूरा नहीं हुआ. लेकिन एक खास उपलब्धि मिली कि शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए टीएमबीयू का बॉटनी विभाग कई वर्षो के बाद यूएसए के मिशिगन यूनिवर्सिटी से जुड़ा. फिलहाल मिशिगन से जुड़ कर गांगेय डॉल्फिन पर शोध कार्य चल रहा है.
लगातार गड़बड़ियों से भरे रिजल्ट प्रकाशित करने का ठप्पा अपने माथे पर लगा चुका टीएमबीयू ने पिछले एक साल में इसे उतारने का प्रयास किया. लेकिन 45 दिन में रिजल्ट प्रकाशित करने का दावा फेल हो गया. पार्ट टू व पार्ट थ्री का अब तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो सका है. हालांकि विवि प्रशासन यह दावा अब भी कर रहा है कि इस वर्ष वह सत्र नियमित करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त कर लेगा. राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने का दंश टीएमबीयू के छात्र-छात्रएं अभी भी ङोल रहे हैं.
परीक्षा विभाग में रिजल्ट तैयार करने की अपनी इकाई डेवलप कर रिजल्ट प्रकाशित कर विवि प्रशासन ने यह साबित किया कि वह निजी एजेंसी के बगैर बेसहारा नहीं है. दूसरी ओर डिग्री जारी करने के नियमों में सख्ती कर दी गयी है. प्रशासनिक भवन में सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करते हुए गार्ड तैनात किये गये और नियम से प्रवेश करने का प्रावधान कर दिया गया, लेकिन कुछ कॉलेजों की सुरक्षा चंद दरबानों से संभल नहीं पा रही है.