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हॉस्टल में छात्र की मौत

नित्यकर्म के बाद फूलने लगी यूकेजी के छात्र की सांस भागलपुर : इशाकचक थाना क्षेत्र के बरहपुरा, कृष्णापुरी कॉलोनी (छोटी लाइन के किनारे) में न्यू मॉडर्न चाइल्ड स्कूल के हॉस्टल में शुक्रवार को यूकेजी के छात्र कृष्णा कुमार (10 वर्ष) की मौत हो गयी. स्कूल के हॉस्टल में बच्चों को जानवरों की तरह रखा जाता […]

नित्यकर्म के बाद फूलने लगी यूकेजी के छात्र की सांस
भागलपुर : इशाकचक थाना क्षेत्र के बरहपुरा, कृष्णापुरी कॉलोनी (छोटी लाइन के किनारे) में न्यू मॉडर्न चाइल्ड स्कूल के हॉस्टल में शुक्रवार को यूकेजी के छात्र कृष्णा कुमार (10 वर्ष) की मौत हो गयी. स्कूल के हॉस्टल में बच्चों को जानवरों की तरह रखा जाता है और छात्र इसी कुव्यवस्था की भेंट चढ़ गया.
हॉस्टल प्रबंधन के मुताबिक, नित्य कर्म करने के बाद अचानककृष्णा की तबीयत बिगड़ी और उसका दम फूलने लगा. आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया. तब तक कृष्णा दम तोड़ चुका था. वह पिछले चार साल से हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रहा था. साहू परबत्ता थाना क्षेत्र के राघोपुर बहत्तरा गांव निवासी जोधन साहनी का वह बड़ा पुत्र था.
घटना की जानकारी मिलते ही कृष्णा की मां शकीला देवी, चाचा, चाची व अन्य परिजन हॉस्टल पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने लाश को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस संबंध में मां शकीला देवी के बयान पर इशाकचक थाने में यूडी केस दर्ज कर लिया गया है. परिजनों ने किसी पर शक जाहिर नहीं किया है.
शाम से बिगड़ गयी थी तबीयत : संचालिका
स्कूल की संचालिक कल्पना सिंह ने बताया कि शाम में खेल कर कृष्णा आया तो उसने खाना नहीं खाया. उसने चूड़ा और चीनी खाने की इच्छा जाहिर की. चूड़ा और चीनी खाने के बाद उसने खाना तक नहीं खाया और सोने के लिए चला गया. सुबह में सारे छात्र जग गये, लेकिन कृष्णा बिस्तर पर ही पड़ा है.
उसे जगाया गया तो उसने तबीयत खराब होने की बात बतायी. इस दौरान उसे कपड़े में टट्टी हो गयी. किसी तरह उसने नित्य कर्म किया. फिर उसे बिस्कुट खिलाया गया. बिस्कुट खाने के बाद उसका दम फूलने लगा. मुहल्ले के डॉक्टर को बुला गया. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.
तबीयत खराब होने की नहीं दी सूचना : मां
मृतक की मां शकीला देवी ने बताया कि सुबह में फोन कर तुरंत हॉस्टल बुलाया गया. यह नहीं बताया गया कि कृष्णा की तबीयत खराब है.
गांव से हॉस्टल आने के दौरान स्कूल से कई बार फोन आया. हॉस्टल आयी तो देखा को कृष्णा की मौत हो चुकी है. शकीला ने बताया कि एक दिन पूर्व ही कृष्णा से फोन पर बात हुई थी, लेकिन उसने तबीयत खराब के बारे में कुछ नहीं बताया. मां ने आरोप लगाया कि हॉस्टल में कृष्णा को बढ़िया खाना-पीना नहीं दिया जाता था, इस कारण वह काफी कमजोर हो गया था. 27 को कृष्णा के परिवार में शादी थी और वह छुट्टी में घर भी जानेवाला था.
अंडा सेल से भी कम जगह में रहते हैं छात्र
स्कूल के हॉस्टल में करीब 15 बच्चे रहते हैं. छात्रों को दूसरे मंजिल में रखा जाता है. आठ फीट चौड़े कमरे में लोहे का छोटा-छोटा कॉट (खटिया) बना है, जिस पर छात्रों को सुलाया जाता है. छात्रों को सोने के लिए इतनी ही जगह मिलती है, जिसमें वह ठीक तरीके से करवट भी नहीं ले सके. यानी जेल के अंडा सेल से भी कम जगह में छात्र सोते और पढ़ते हैं. जिस कमरे में छात्रों को रखा जाता है, वहां पंखा तक नहीं है. आठ फीट चौड़े कमरे में दो फीट की गली है और छह फीट में छात्रों का बेड है.
वेसरा जांच से खुलेगा मौत का राज
घटना की जानकारी मिलते ही सिटी एएसपी वीणा कुमारी, विधि-व्यवस्था इंस्पेक्टर विजय कुमार, इशाकचक के प्रभारी थानेदार विकास कुमार, तिलकामांझी के प्रभारी थानेदार पीएन झा मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. सिटी एएसपी ने लाश का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया और वेसरा जांच कराने की बात कहीं. वेसरा जांच के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो जायेगा.

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