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ओवरलोडिंग के खिलाफ चलायें अभियान : मंत्री

भागलपुर: पथ निर्माण मंत्री सह प्रभारी मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को भागलपुर को समस्याओं से निजात दिलाने की बात कही. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्हें यहां की समस्याओं के समाधान के लिए कई निर्देश दिये. प्रेस कांफ्रेंस कर भागलपुर को जाम की समस्या से निजात दिलाने की कार्ययोजना के […]

भागलपुर: पथ निर्माण मंत्री सह प्रभारी मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को भागलपुर को समस्याओं से निजात दिलाने की बात कही. उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्हें यहां की समस्याओं के समाधान के लिए कई निर्देश दिये. प्रेस कांफ्रेंस कर भागलपुर को जाम की समस्या से निजात दिलाने की कार्ययोजना के बारे में बताया. उन्होंने जदयू जिलाध्यक्ष के यहां कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की.

उन्हें जनसमस्याओं को सुलझाने में सहयोग के लिए कहा. मंत्री से मेयर भी मिले. उनसे शहर के विकास का अनुरोध किया. पथ निर्माण मंत्री का मुख्य फोकस जाम व विक्रमशिला पुल पर रहा. प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कांट्रैक्टर की ओर से विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ बनाने में देरी करने पर इसका वर्क रिसाइन कर दिया गया है.

दोबारा टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जा रही है. विभाग जिस एजेंसी से काम ले, लेकिन 15 जून से पहले विक्रमशिला सेतु एप्रोच पथ का बचा हुआ काम पूरा होगा. वह परिसदन में संवाददाताओं से बात कर रहे थे. उन्होंने बताया कि गंगा पार नवगछिया की तरफ सड़क बन गयी है. केवल कालीकरण का काम बाकी है. उन्होंने बताया कि एप्रोच पथ बनाने के लिए फ्री रोड नहीं मिल रहा है. इस संबंध में डीएम से कहा गया है कि जीरोमाइल से सेतु के बीच एक लेन को बंद कराये और दूसरे लेन से ही वाहनों का परिचालन हो. कहलगांव की ओर से आनेवाले वाहनों को भी सबौर में ही रोका जाये. उन्होंने विक्रमशिला सेतु को लेकर कहा कि एक्सपर्ट टीम आये, तो ही इसका वास्तविक आकलन हो सकेगा कि आखिर किस तरह की समस्या है. दरअसल, गांधी सेतु और राजेंद्र नगर पुल बंद है. इससे वाहनों का लोड विक्रमशिला सेतु पर बढ़ा है.

विक्रमशिला सेतु का मरम्मत होगा. जिस समस्या से शहर चिंतित है, उससे निबटने के लिए कहा गया है कि जिलाधिकारी वरीय पुलिस अधीक्षक व अन्य पदाधिकारियों की टीम तैयार हो. ओवरलोड वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाये. दूसरी ओर ओपीआरएमसी के तहत सड़कों का रख-रखाव नहीं होने का सवाल भी उठाया गया. आपके आने से पूर्व दिखाने के लिए सड़क मरम्मत हो रहा है. इस पर श्री सिंह ने कहा कि पिछली बार यहां आकर पटना लौटने के साथ जांच टीम गठित की गयी थी. टीम को भागलपुर भेजा गया था. उनकी ओर से रिपोर्ट दे दी गयी है. विभागीय समीक्षा के बाद कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि केंद्र सरकार पैसा नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में 4800 किलोमीटर (किमी) एनएच की सड़क है.

2700 किमी सड़क के लिए मात्र 68 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इससे मेंटेनेंस कैसे संभव हो सकता है. अगर केंद्र सरकार सड़क का निर्माण नहीं करा सकती है, तो वह कहे. राज्य सरकार करायेगी. लेकिन, इसके लिए उन्हें लिखित देना होगा. संवाददाता सम्मेलन में प्रभारी मंत्री ललन सिंह के साथ कहलगांव के विधायक सदानंद सिंह, भागलपुर विधायक अजीत शर्मा आदि उपस्थित थे.

भागलपुर-हंसडीहा मार्ग :
-72 करोड़ से सड़क की होगी मरम्मत, पहले के ठेकेदार पर होगी कार्रवाई
भागलपुर-हंसडीहा मार्ग को ओपीआरएमसी से मुक्त कर दिया गया है. अब इसका मरम्मत होगा. इस पर 70-72 करोड़ खर्च की जायेगी. प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है. विभाग से कहा गया है कि बरसात से पहले सड़क मोटेरेबुल करें. पहले के कांट्रैक्टर पर कार्रवाई होगी. कांट्रैक्टर पर कार्रवाई भ्रष्टाचार कानून अधिनियम के दायरे में आयेगा.
भोलानाथ पुल
भोलानाथ पुल उत्तरी और दक्षिणी शहर को जोड़ने के लिए मजबूत विकल्प है. इसलिए आरओबी का बनना जरूरी है. इसे कार्ययोजना में लिया गया है. रेलवे से भी डिजाइन व एनओसी प्राप्त हो गया है. इसके निर्माण को लेकर टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जायेगी.
बाइपास :
प्रभारी मंत्री ललन सिंह ने बताया कि एनएच का नया एलाइमेंट तैयार होगा. इसके लिए बाइपास का निर्माण मजबूरी है. लेकिन, केंद्र सरकार से इसकी स्वीकृति ही नहीं मिली है. राज्य सरकार ने टेंडर की प्रक्रिया अपनायी और इसे पूरा भी कर लिया है. लेकिन, जब तक अनुमति नहीं मिलती है, तब तक निर्माण संभव नहीं हो सकेगा. इसके निर्माण को लेकर कोई डेट निर्धारित नहीं है. लेकिन, यह तय है कि बाइपास का निर्माण जरूरी होगा. ठीक इसी तरह भैना, चंपा और घोरघट पुल निर्माण की योजना के लिए जो करना है वह सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. एनएचएआइ ने स्वीकृति दी और तीन माह पहले डीपीआर भारत सरकार को दिया गया है. टेंडर भी करा दिया. जिस दिन स्वीकृति मिल जायेगी, उस दिन काम शुरू हो जायेगा.
वैकल्पिक बाइपास पर गोपालपुर के पास जजर्र दो रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण के मामले में प्रभारी मंत्री ललन सिंह ने कहा कि उक्त पुल आरसीडी का नहीं है, बल्कि रेलवे का है. अगर रेलवे मुकर रहा है, तो वे जाने. विभाग की ओर से बैरियर क्यों लगाया गया जैसे सवाल पर उन्होंने कार्यपालक अभियंता से पूछा और उनका जवाब रहा कि तत्कालीन डीएम से निर्देश मिला तो बैरियर लगाया गया था.
ट्रकों का डाला छोटा कराने की भी कोशिश
ओवरलोड ट्रकों पर प्रभारी मंत्री के सख्त रवैया अपनाने के बाद डीएम, एसएसपी सहित अन्य प्रशासनिक पदाधिकारियों ने संचालन समिति की बैठक के तुरंत बाद डीडीसी कार्यालय में बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले सात दिन तक लगातार ओवरलोड ट्रकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जायेगा. बैठक के दौरान प्रभारी ने भी कहा कि किसी भी सूरत में ओवरलोडिंग नहीं चलेगी. उन्होंने बताया कि इसके लिए ट्रकों का डाला भी छोटा कराने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसे कैबिनेट से पारित कराने का प्रयास किया जायेगा.

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