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महानगरों से जुड़े हैं जुगवा मंडल के तार

सबौर: लैलख में तीन वर्षो से आतंक व दहशत फैलानेवाले अपराधी सरगना जुगवा के अपराध के तार देश के कई महानगरों से जुड़े हैं. ग्रामीणों की मानें तो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, मालदह, वाराणसी, मुंगेर सहित दर्जनों शहर में इसके लोग काम करते हैं. ट्रेन से सफर करनेवाले लोगों पर इसके आदमी निगाह रखते हैं […]

सबौर: लैलख में तीन वर्षो से आतंक व दहशत फैलानेवाले अपराधी सरगना जुगवा के अपराध के तार देश के कई महानगरों से जुड़े हैं. ग्रामीणों की मानें तो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, मालदह, वाराणसी, मुंगेर सहित दर्जनों शहर में इसके लोग काम करते हैं. ट्रेन से सफर करनेवाले लोगों पर इसके आदमी निगाह रखते हैं और मौका मिलते ही लूट लेते हैं. लूटने में असुविधा होने पर यात्री की हत्या कर ट्रेन से फेंक देते हैं. इसका संचालन जुगवा ही करता है. दिल्ली सहित कई महानगरों में भी जुगवा के फ्लैट व अन्य संपत्ति होने की चर्चा है.

पॉकेटमार से बना सरगना : जुगवा के अपराध का इतिहास बहुत लंबा नहीं है. पांच वर्ष पूर्व बरियारपुर में उसकी मां देसी दारू बेचती थी और जुगवा ट्रेन में पॉकेटमारी करता था. कुछ ही दिन बाद उसने ट्रेन में यात्रियों को लूटना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे अपना संगठित गिरोह बना लिया. इसके बाद उसने बरियारपुर में अपने आश्रय दाता दोनों भाइयों की हत्या कर उसकी संपत्ति पर कब्जा जमा लिया. इस दौरान उसने कई हत्याएं की. ट्रेन में पॉकेटमारी करने के दौरान बरियारपुर से लैलख स्टेशन पर वह अक्सर उतरता था. लैलख में उसका ननिहाल है. लैलख के कुछ किशोरों को भी उसने पॉकेटमारी के धंधे से जोड़ा. कुछ समय बाद लैलख में उसने उसने अपना मामा-मामी और उनके बच्चों को भगा कर उसके घर पर कब्जा जमा लिया. इतना ही नहीं उसने आसपास के घरों के लोगों को भगा कर उनकी जमीन-जायदाद भी हड़प ली गांव के दूसरे छोर पर भी उसने कोठीनुमा महल का निर्माण कर लिया. देखते ही देखते जुगवा करोड़ों में खेलने लगा. पैसे के नशे में अय्याश हो गया जुगवा. किसी की भी पत्नी, बहन, बेटी की इज्जत लूटना और बात-बात में लोगों की हत्या कर देना उसके लिए आम बात हो गयी है.

गाना बजा कर करता था हत्या: ग्रामीणों के अनुसार जुगवा को यदि हत्या करनी होती थी, तो वह उस व्यक्ति को पहले अपने लैलख आवास पर लाता या बुलाता था. फिर कोठी नुमा घर के एक कमरे में ले जाता था. उसके बाद जोर-जोर की आवाज में डेक बजाता था. शराब की महफिल सजती थी और अंत में फांसी पर लटका देता था. उसके घर में कई जगह खून के निशान इसका सबूत हैं.

ग्रामीणों ने सुरक्षा को नाकाफी बताया:जुगवा का कहर ग्रामीणों पर ना टूटे, इसको लेकर गांव में पुलिस कैंप लगाया गया है. इसमें मुट्ठी पर सैफ जवानों की तैनाती की गयी है. लैलख गांव में 1500 घर हैं. इसमें लगभग 10 हजार लोग रहते हैं. हालांकि सैफ जवानों के कारण ग्रामीणों को थोड़ी-बहुत तो राहत मिली है, लेकिन ग्रामीणों का मानना है कि इतनी कम संख्या में जवानों की तैनाती उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है. अगर जुगवा अपने दल-बल के साथ गांव में आ धमका, तो सुरक्षा कौन करेगा. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में प्रवेश करने के तीन रास्ते हैं. हर रास्ते पर सैफ जवानों की तैनाती हो. अन्यथा अनहोनी हो सकती है.

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