27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सुस्त हो रहे जवान,खाना में खानापूर्ति

भागलपुर: किसी को अपनी मां, किसी को बीबी, तो किसी को अपनी बहन की हाथों का खाना खाये कई महीने बीत चुके हैं. पुलिस लाइन की मेस में जैसे-तैसे बनने वाले खाने से मन ऊब गया, तो होटल की ओर रुख कर लेते हैं भागलपुर के पुलिसकर्मी. आखिर इस तरह कब तक चलेगा. सवाल इतना […]

भागलपुर: किसी को अपनी मां, किसी को बीबी, तो किसी को अपनी बहन की हाथों का खाना खाये कई महीने बीत चुके हैं. पुलिस लाइन की मेस में जैसे-तैसे बनने वाले खाने से मन ऊब गया, तो होटल की ओर रुख कर लेते हैं भागलपुर के पुलिसकर्मी.

आखिर इस तरह कब तक चलेगा. सवाल इतना ही नहीं है, सूबे के पुलिस के मुखिया (डीजीपी) अभयानंद भी यह जान रहे हैं कि भागलपुर पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों की तुलना में रसोइया की संख्या बहुत ही कम है, मगर मुख्यालय भी बेफिक्र-सा दिख रहा है. पुलिसकर्मियों को सेहत मंद भोजन नहीं मिलने के कारण वे सुस्त होते जा रहे हैं. आखिरकार इसका खामियाजा जिले के बाशिंदों को भुगतना पड़ता है. क्राइम के बढ़ते ग्राफ इसे साबित करने के लिए काफी है.

डीजीपी से संवाद तक बेअसर
भागलपुर पुलिस बल में कुक की कमी है. पुलिस लाइन के मेस में कुक की कमी है. कुक की कमी का खामियाजा पुलिस जवान भुगत रहे हैं. बिहार पुलिस एसोसिएशन व बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने कई बार कुक की कमी को दूर करने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा. यहां तक कि डीजीपी से सीधा संवाद भी किया है, लेकिन उनकी समस्याएं दूर नहीं हो सकी हैं.

सेहतमंद खाना भी नसीब नहीं
भागलपुर पुलिस बल के जवानों को बेहतर व सेहतमंद खाना बना कर खिलाने वाले रसोइया पर्याप्त संख्या में नहीं हैं. पुलिस लाइन व शहर के थानों में तैनात जवानों के खाने की खानापूर्ति हो रही है. शहर के करीब सभी थाना के मेस में जवान बाहरी लोगों को रख कर खाना बनवा रहे हैं. पुलिस लाइन के चारों मेस में तय संख्या के अनुरूप कुक नहीं है. जवानों को जैसे-तैसे खाना बनाकर परोसा जा रहा है. इतना ही नहीं, विशेष डयूटी में तैनात जवानों को भी सेहतमंद खाना नसीब नहीं हो पाता.

पानी पिलानेवाला नहीं
पानी पिलाने के लिए जिले में एक भी जलवाहक नहीं हैं. लिहाजा पुलिसकर्मियों को परेशान होना पड़ रहा है. जवानों का खाना बनाने वाले कुक व जलवाहक की कमी है. जिसका असर जवानों के भोजन-पानी पर पड़ रहा है.

पिकेट्स व थानों में भी कुक नहीं
जिले के सभी थाना व पिकेट्स के मेस में कुक नहीं हैं. आरक्षी केंद्र (पुलिस लाइन) में 1247 जवान हैं. जिसमें से ज्यादातर डयूटी की बजाय खाना बनाने या खाने के जुगाड़ में व्यस्थ रहते हैं. जबकि जवानों को बेहतर भोजन-पानी उपलब्ध करने के लिए अत्याधुनिक भोजनालय की बात की जा रही है.

झल्ला उठते हैं पुलिसकर्मी
जिले के थानों व पिकेट्स में झाड़ूकश की अब तैनाती नहीं होती. यह काम या तो पुलिसकर्मी स्वयं करते हैं या फिर वैसे लोगों से थाना की सफाई करावायी जाती है जो किसी मामले में पकड़ कर थाना लाये जाते हैं.

पूर्व में झाड़ूकश को सफाई के लिए तैनात किया गया था. दैनिक मजदूरी उन्हें मिलती थी. अब यह नहीं होता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें