भागलपुर: जिला निबंधन कार्यालय में लोक सेवा अधिकार (आरटीएस) अधिनियम के तहत आने वाले आवेदनों की सौ फीसदी इंट्री कंप्यूटर में नहीं हो पा रही है. शुक्रवार को निबंधन कार्यालय के निरीक्षण के दौरान प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने जब आरटीएस काउंटर की जांच की तो उन्हें इस संबंध में जानकारी मिली. उन्होंने इस संबंध में आवेदन प्राप्ति के साथ-साथ उसके निष्पादन की भी शत-प्रतिशत इंट्री कंप्यूटर में दर्ज करने का निर्देश दिया है.
प्रमंडलीय आयुक्त श्री आलम ने आरटीएस काउंटर के अलावा कार्यालय के काम-काज का भी निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्री कराने आये लोगों से भी पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि रजिस्ट्री कराने के लिए आने वाले लोगों को रजिस्ट्री का रेट, चालान के संबंध में, एमवीआर आदि के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं है. न ही इस संबंध में कार्यालय में कहीं पर कोई सूचना लगी हुई थी. आयुक्त ने तत्काल इस संबंध में विस्तृत सूचना पट्ट लगाने का निर्देश दिया है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उनके ठगे जाने की संभावना भी खत्म हो सके.
आरटीएस काउंटर का निरीक्षण के दौरान पता चला कि यहां पर केवल आवेदन की प्राप्ति कर उसकी रसीद दी जाती है. आयुक्त श्री आलम ने बताया कि आवेदन का निष्पादन मेन्यूअली किया जाता है और इसकी इंट्री कंप्यूटर में नहीं होती है. इस संबंध में पूछने पर बताया गया कि आरटीएस काउंटर पर भीड़ अधिक होने के कारण निष्पादन के लिए अलग काउंटर की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान रजिस्ट्री कार्यालय में जगह की कमी के कारण अलग काउंटर की व्यवस्था मुश्किल है.
कार्यालय के नये भवन में शिफ्ट होने के बाद यह परेशानी दूर हो जायेगी. हालांकि आयुक्त ने आवेदन प्राप्ति और उसका निष्पादन की इंट्री हर हाल में कंप्यूटर में दर्ज करने का निर्देश दिया. उन्होंने नये भवन के लिए जिला निबंधक को फर्नीचर आदि की अपने फंड से खरीद करने को कहा है. साथ ही वर्तमान कार्यालय में भी रजिस्ट्री के लिए आने वालों के लिए अतिरिक्त बेंच आदि की खरीद करने को कहा, ताकि लोगों को नीचे नहीं बैठना पड़े. आयुक्त ने बताया कि समय-समय पर आरटीएस काउंटर की जांच की जाती रहेगी.