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धरातल की जगह कागज पर निर्णय लेने में अव्वल

भागलपुर: नगर निगम इस वर्ष धरातल पर काम करने की जगह कागज पर निर्णय लेने में आगे रहा. वर्ष 2014 में निगम के सामान्य बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति में कई निर्णय लिये गये, लेकिन अनुपालन सिर्फ कागजों पर ही दिखाई दिया. सड़क और नाला की कुछ बड़ी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए […]

भागलपुर: नगर निगम इस वर्ष धरातल पर काम करने की जगह कागज पर निर्णय लेने में आगे रहा. वर्ष 2014 में निगम के सामान्य बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति में कई निर्णय लिये गये, लेकिन अनुपालन सिर्फ कागजों पर ही दिखाई दिया.

सड़क और नाला की कुछ बड़ी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए नगर विकास विभाग से मेयर फंड लाने में भले ही सफल रहे हों, लेकिन फंड के बावजूद कोई बड़ी योजना धरातल पर नहीं उतरी. स्थायी कूड़ा डंपिंग जोन के अभाव में शहर में यहां-वहां कूड़ा गिराने के कारण सालों भर निगम सुर्खियों में रहा. हालांकि साल के अंत में अवैध हर्ो्िटग और अतिक्रमण हटाने तथा टेंपो स्टैंड की बंदोबस्ती को लेकर भी निगम चर्चा में रहा.

एक साल में निगम को मिले तीन नगर आयुक्त

2014 में नगर निगम को तीन नगर आयुक्त मिले. पहले नगर आयुक्त तारिणी दास आये, लेकिन कुछ महीने बाद ही वे सेवानिवृत्त हो गये. उसके बाद उनकी जगह रमेश प्रसाद रंजन ने नगर आयुक्त का पद ग्रहण किया. उनके के भी कुछ महीने के बाद तबादला होने के बाद अवनीश कुमार सिंह ने नगर आयुक्त का पदभार ग्रहण किया है.

घोषणाएं जो कागजों में सिमट कर रह गयीं

खुले में मांस की बिक्री पर नहीं लग सकी रोक नगर निगम के अधिकारियों ने शहर में खुले में मांस-मछली की बिक्री पर रोक लगाने के लिए निर्देश जारी किये, इसके बावजूद इस पर रोक नहीं लग सकी.

हटाया गया अतिक्रमण, बना ऑटो स्टैंड

शहर को जाम से मुक्त कराने को लेकर दिसंबर महीने में स्टेशन चौक से लेकर लोहिया पुल के नीचे तक बीस सालों से अतिक्रमित सड़क को नगर निगम ने सब्जी विक्रेताओं से मुक्त कराया. लोहिया पुल को वन वे कर दिया गया. हालांकि निगरानी के अभाव में इस अभियान का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर शहर में चौक-चौराहों पर ऑटो लगाने से बन रही जाम की स्थिति से निबटने के लिए निगम की ओर से चार प्रमुख चौकों पर ऑटो स्टैंड की बंदोबस्ती शुरू की गयी. इसके विरोध में ऑटो चालकों ने हड़ताल की और प्रदर्शन किया, बावजूद इसके व्यवस्था बरकरार रही.

सड़कों को दुरुस्त करने में निगम फेल

निगम क्षेत्र में निगम की लगभग दो हजार सड़के हैं. बहुत से सड़कें बन गयी हैंऔर बहुत पर काम चल रहा है. इसमें अभी लगभग चार करोड़ की अधिक राशि से छह बड़ी सड़क व नाला निर्माण की नगर विकास विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद उसे टेंडर के लिए भेज दिया गया है. निगम की कई महत्वपूर्ण सड़कें जो वर्षो से जर्जर हैं, उसकी मरम्मत के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया.

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