बौंसी : कैंप कारा भागलपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे डहुआ के लतीफ अली की हत्या में एक नया मोड़ आ गया है. लतीफ के शव को गुरुवार को पटना से गांव लाया गया. इस दौरान लतीफ की पत्नी नुसरत बानो ने आरोप लगाया कि उसके पति की हत्या कैंप जेल के जेलर व कैदी जंग बहादुर सिंह ने की है.
नुसरत ने बताया कि 2 दिसंबर को भागलपुर से कैंप जेल के जेलकर्मी ने उसे फोन पर जानकारी दी कि उसके पति के साथ एक कैदी ने मारपीट की है और वह गंभीर रूप से जख्मी है. उसके पति को जेएलएनसीएच में भरती कराया गया है. घटना की जानकारी मिलते ही वह अस्पताल पहुंची, जहां उसके पति ने बताया कि जेलर व कैदी ने मिल कर उसे मारा है. परिजनों ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है.
फिदा हुसैन की हत्या मामले में गया था जेल : 2000 में डहुआ में जमीन को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई थी. इसमें बम के हमले से 22 वर्षीय युवक फिदा हुसैन की मौत हो गयी थी. हत्या के मामले में वह 2008 के जून तक बांका जेल व उसके बाद भागलपुर जेल में बंद था. इसके दो अन्य भाई शौकत अली व फिरदौस अली भी कैंप जेल में सजा काट रहे हैं. नुसरत ने रोते हुए बताया कि उसके पति की मौत नहीं हुई है. जेलर ने षड्यंत्र के तहत उसके पति की हत्या की है.
दोनों भाइयों की सुरक्षा की मांग : परिजनों ने मामले की सीबीआइ जांच, उचित मुआवजा व जेल में सजा काट रहे दोनों भाइयों की जान की सुरक्षा की मांग की है. लतीफ के समधी देसरा निवासी मो रुस्तम अंसारी, रिश्तेदार हसाय निवासी मो उस्मान गनी, मो निजामुदीन, लकड़ी कोला के मो जमील, सज्जाद अंसारी, डहुआ के मो जहांगीर, मुर्तजा, नौशाद अंसारी, इम्तियाज अंसारी, गुलाम रब्बानी सहित पूरे गांव ने न्याय की मांग की है. लतीफ को दो बेटियां व तीन पुत्र हैं. देर शाम लतीफ के रिश्तेदारों के आने के बाद शव को गांव के ही कब्रिस्तान में ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया.