खरीक : खरीक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए आयी खरीक बाजार पंचायत निवासी रिजवाना खातून को भगा दिया गया. आरोप है कि एएनएम मीरा कुमारी और सिंधु कुमारी ने रिजवाना को भगा दिया. अस्पताल से भगाये जाने पर निराश परिजन पीडि़ता को लेकर घर जाने लगे.
इसी क्रम में रास्ते में ही रिजवाना की हालत बिगड़ने लगी. परिजन उसे संभालने की कोशिश में लगे थे, इसी दौरान उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. सड़क पर प्रसव होने के बाद उसको अत्यधिक रक्त स्त्राव हो गया. इस कारण उसकी हालत गंभीर हो गयी. इसके बाद फिर परिजन फिर जच्चा व बच्चा को लेकर पीएचसी पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि इसके बाद भी महिला का इलाज नहीं कराया गया.
इसी क्रम में रिजवाना की हालत और बिगड़ने लगी. मरीज की हालत गंभीर होते देख परिजनों और स्थानीय लोगों ने चिकित्सक और एएनएम के विरोध में जम कर हंगामा किया. आक्रोशित परिजन एएनएम और चिकित्सक से मारपीट पर उतारु हो गये. स्थिति गंभीर होती देख चिकित्सक सुरेश प्रसाद शर्मा ने भय से अपने आपको कमरे में बंद कर लिया.
इस दौरान एएनएम के साथ प्रसूता के परिजनों ने हाथापाई की. स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाया. सुरक्षा बलों के साथ पहुंचे पुलिस अवसर निरीक्षक ने परिजनों को समझा बुझा कर शांत किया. इधर परिजनों ने पूरे मामले की सूचना खरीक बीडीओ रमण कुमार सिन्हा और वरीय पदाधिकारियों को दी. बीडीओ ने खरीक पीएचसी पहुंच कर मामले की जांच की. बीडीओ ने खरीक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कमरचंद से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. बीडीओ ने पूछने पर बताया कि यह ड्यूटी में लापरवाही और अमानवीयता का मामला है. सख्त कार्रवाई की जायेगी.
* पहले भी इस तरह की हो चुकी है घटनाएं
भागलपुर सदर अस्पताल में एक प्रसुता को ऑपरेशन टेबल पर ले जाकर घंटों रखने के बाद भी ऑपरेशन नहीं किया गया था. बाद में हंगामा करने पर उसे जेएलएमएनसीएच रेफर कर दिया गया.
-एक अन्य घटना में भागलपुर सदर अस्पताल में आयी प्रसुता को गंभीर स्थिति होने के बाद भी रेफर कर दिया गया. इस दौरान बच्चे का हाथ बाहर निकल गया था. किसी तरह परिजन उसे जेएलएमएनसीएच ले गये जहां जच्चा-बच्चा की जान बची.