भागलपुर: 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के मौके पर एसएसपी विवेक कुमार जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (नौलखा) से सुबह साढ़े छह बजे मॉर्निग वॉक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे.
शनिवार को जेएलएनएमसीएच स्थित मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ डीपी सिंह ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नौलखा से तिलकामांझी, कचहरी चौक, घंटाघर होते हुए आइएमए हॉल तक चिकित्सक व शहर के अन्य लोग वॉकिंग करते हुए जायेंगे.
कार्यक्रम का आयोजन आइएमए एवं एपीआइ के सहयोग से किया जायेगा. श्री सिंह ने बताया कि विश्व में डेढ़ मिनट में एक टीबी मरीज की मौत होती है. पर एक मिनट में चार हृदय रोग के मरीजों की मौत होती है. विश्व में हर वर्ष एक करोड़ 70 लाख लोगों की मौत हृदय रोग की वजह से होती है. 2030 तक यह संख्या दो करोड़ 30 लाख तक पहुंच जायेगी.
उसमें भारत में मरने वाले मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. 50 वर्ष से कम उम्र के 22 प्रतिशत ग्रामीण व 33 प्रतिशत शहरी लोगों में हृदय रोग हो रहा है. डॉ हेम शंकर शर्मा ने बताया कि हर्ट की बीमारी दो तरह की होती है. एक एनजाना और दूसरा हर्ट अटैक है.
एनजाना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से सीने में मौजूद रक्त की नली में खून की गति धीमी हो जाती है. हर्ट में दर्द होता है. हर्ट अटैक अचानक हो सकता है. अटैक होने पर शरीर ठंडा पड़ जाता है और पसीना चलने लगता है. अटैक हो जाये तो डॉक्टर को खोजने में समय न बरबाद करें. जो भी चिकित्सक मिल जाये उनसे जांच करा लें. मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ केडी मंडल ने कहा कि दौरा पड़ने पर तुरंत इसीजी जांच कराएं. डॉ राजीव सिन्हा ने कहा कि जेएलएनएमसीएच में भी रोज चार से पांच मरीज हृदय रोग का इलाज कराने आते हैं. पिछले कुछ वर्षो में हृदय रोग के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. इस मौके पर आइएमए सचिव डॉ जेपी सिन्हा, डॉ आरपी जायसवाल, डॉ एसपी सिंह, डॉ भारत भूषण सहित अन्य मौजूद थे.