भागलपुर: पीरपैंती के बीडीओ कार्यालय में कार्यरत आदेशपाल 55 वर्षीय सुनील कुमार सिंह की शनिवार को संदेहास्पद अवस्था में मौत हो गयी थी. रविवार को उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज लाया गया. परिजनों ने इस मौत को हत्या बताया है.
सबौर प्रखंड के खनकित्ता निवासी सुनील वर्ष 1993 से पीरपैंती बीडीओ कार्यालय में कार्यरत था. वह बीडीओ क्वार्टर के पास के एक क्वार्टर में रहता था. उसके बच्चे सबौर में रहते थे. पत्नी का पीरपैंती आना-जाना लगा रहता था. सुनील सिंह के पुत्र संतोष सिंह ने बताया कि शनिवार को कार्यालय के माली ने सूचना दी कि उसके पिता बीमार हैं. सूचना मिलने पर जब वह पहुंचा तो पिता का शव क्वार्टर के बाहर प्याज के खेत में पड़ा था. शरीर में कई जगह जख्म के निशान थे. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मौत से पहले उन्हें पीटा गया था.
दूसरी ओर क्वार्टर में रखे सामान अस्त-व्यस्त थे. बेड सीट, चादर व तकिया वगैरह फटे थे. लुंगी भी कमरे में था. परिजनों ने इस घटना को हत्या बताया है.
परिजनों ने लगाया आरोप
संतोष ने बताया कि जब उसने अपने पिता की हत्या की आशंका जतायी तो कार्यालय के कर्मियों ने कहा कि मामला दर्ज कराने से फायदा नहीं होगा. मामला पुलिस में जायेगा तो अनुकंपा पर नौकरी मिलने में कठिनाई होगी. संतोष ने बताया कि वह शव लेकर सबौर स्थित अपने घर पहुंचा. शव को देख कर लोगों ने कहा कि करंट से उसके पिता की मौत नहीं हुई है.
एक कृषि कर्मचारी पर आरोप
संतोष ने कहा कि एक कृषि कर्मचारी जिसका स्थानांतरण नारायणपुर हुआ है, वह इस हत्याकांड में संलिप्त हो सकता है. तीन वर्ष से वह पीरपैंती का क्वार्टर खाली नहीं कर रहा है. स्थानांतरण के बाद भी उसकी पत्नी व बच्चे वहां रह रहे हैं.
कई सवाल कर रहे परिजन
परिजनों का सवाल है कि प्याज के खेत से शव बरामद हुआ है. शव के हाथ में पानी का पाइप था लेकिन खेत में पानी पटाने का नामोनिशान नहीं है. अंडरवीयर पहन कर वे घर से बाहर नहीं निकल सकते थे तो आखिर किस परिस्थिति में वे प्याज पटाने के लिए बाहर निकले. घर के सामान अस्त-व्यस्त क्यों थे.