जमीन हड़पकर पिता को घर से भगानेवाले दोनों बेटे गिरफ्तार
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इधर लोगों ने वार्ड प्रभारी को बनाया बंधक, तो कूड़ा उठाया
जमीन हड़पकर पिता को घर से भगानेवाले दोनों बेटे गिरफ्तार भागलपुर : बुजुर्ग पिता को सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित कर जमीन हड़पने और पिता को घर से भगा देनेवाले दोनों बेटों को गोराडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों गिरफ्तार बेटे अनिल कुमार सिंह उर्फ अनिल खुराना व संजीव कुमार सिंह जेल भेज दिये […]
भागलपुर : बुजुर्ग पिता को सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित कर जमीन हड़पने और पिता को घर से भगा देनेवाले दोनों बेटों को गोराडीह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों गिरफ्तार बेटे अनिल कुमार सिंह उर्फ अनिल खुराना व संजीव कुमार सिंह जेल भेज दिये गये. दूसरी ओर बुजुर्ग पिता रामदेव सिंह के समाहरणालय में धरना पर बैठने की खबर जब समाचारपत्र में प्रकाशित हुई, तो शुक्रवार को अपर समाहर्ता (राजस्व) हरिशंकर प्रसाद ने उन्हें बुलाकर सुझाव दे दिया कि न्यायालय में ही उन्हें न्याय मिल सकता है. जिला प्रशासन के अधिकारी ने यह सुझाव उस बुजुर्ग को तब दिया, जब चार महीने से वे कार्यालयों का दरवाजा खटखटाते-खटखटाते थक गये और धरना पर बैठकर प्राण त्याग देने की चेतावनी दे दी.
थानाध्यक्ष ने मामले को पाया सच : थानाध्यक्ष देव कुमार ने बताया कि रामदेव सिंह के द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथभिकी की जांच की जा रही थी. जांच में मामले को सत्य पाया गया है. इसी आधार पर उनके दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. बता दें कि रामदेव सिंह तीन जनवरी को थाना में आरोपित बेटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था.
चार महीने तक आवेदन लेकर कार्यालयों में दौड़ते रहे रामदेव, सबने अनसुना कर दिया, धरना पर बैठे और दबाव बढ़ा, तो जिला प्रशासन ने दिखा दिया न्यायालय का रास्ता
डीसीएलआर कोर्ट जाने की चार माह बाद मिली सलाह
अपर समाहर्ता (राजस्व) हरिशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को रामदेव सिंह को बुलाया और उनकी बातों को सुना. कहा कि सरकारी कागज में मृत घोषित कर जमीन के दाखिल-खारिज में सिविल वाद दायर करें. गलत व सही को लेकर विधिवत तरीका अपनाएं. दाखिल-खारिज को रद्द करने के लिये डीसीएलआर कोर्ट में केस करें. वहीं सिविल वाद में ट्रायल के दौरान जांच की जायेगी तथा दोषी पर कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की प्रशासनिक स्तर से जांच करवायेंगे और कोई भी बख्शा नहीं जायेगा. घटना को लेकर रामदेव सिंह ने डीएम व एसएसपी से लेकर मुख्य सचिव व डीजीपी तक को गोराडीह के सीओ व थानेदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आवेदन सौंपा था. जब हर अधिकारी से उन्हें निराशा ही हाथ लगी, तो आजिज आकर रामदेव सिंह गुरुवार को समाहरणालय में धरने पर बैठ गये. उन्होंने चेतावनी दे दी कि प्रशासन चुप्पी तोड़े वरना जान दे दूंगा.
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