हाल स्मार्ट सिटी भागलपुर का : पार्ट-4
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मुंगेर में बना रही खाद, स्मार्ट सिटी में एक करोड़ की मशीन बनी कबाड़
हाल स्मार्ट सिटी भागलपुर का : पार्ट-4 कचरा निस्तारण : योजना एक, पर मंशा दो खुले में फेंका जा रहा कचरा, जलाकर फैलाया जा रहा प्रदूषण कचरे से खाद बनाने की कागज पर चल रही प्लानिंग प्लानिंग से पहले मशीन खरीद पर उठने लगे सवाल भागलपुर : केंद्र सरकार के पास बेहतर प्लानिंग का प्रारूप […]
कचरा निस्तारण : योजना एक, पर मंशा दो
खुले में फेंका जा रहा कचरा, जलाकर फैलाया जा रहा प्रदूषण
कचरे से खाद बनाने की कागज पर चल रही प्लानिंग
प्लानिंग से पहले मशीन खरीद पर उठने लगे सवाल
भागलपुर : केंद्र सरकार के पास बेहतर प्लानिंग का प्रारूप देकर चयनित हुआ भागलपुर स्मार्ट सिटी में कचरा निस्तारण की मंशा पड़ोसी जिले मुंगेर नगर निगम की कार्यप्रणाली से जाहिर हो रहा है. मुंगेर निगम में निजी कंपनी के सहयोग से मशीन से कचरे का निस्तारण हो रहा है और खाद बनायी जा रही है. पुणे मॉडल पर आधारित मशीन के काम करने से खुले में कचरा फेंका जाना रुक गया है. इस कचरे के निस्तारण को लेकर स्मार्ट सिटी कंपनी ने करीब एक करोड़ रुपये की दो कचरा कंपोस्टर मशीन को खरीद कर नगर निगम में कचरे के रूप में खड़ा कर दिया है. स्मार्ट सिटी की ऑडिट में केंद्र से मिले फंड से उक्त कचरा कंपोस्टर की कीमती मशीन के खरीदे जाने का खुलासा हुआ.
अब तक कई दिन पहले खरीदी गयी मशीन के रख-रखाव नहीं होने से खराब होने का भी डर सताने लगा है. स्मार्ट सिटी योजना में कागज में कचरा निस्तारण की प्लानिंग चल रही है. इससे पूर्व कीमती कचरा कंपोस्टर मशीन की खरीद सवाल खड़े कर रही है.
दो शहर मुंगेर व भागलपुर : काम एक, मंशा अलग-अलग
मुंगेर नगर निगम : मुंगेर में करीब 20 वार्ड में कचरा उठाव से लेकर कचरा कंपोस्टर मशीन से खाद बनाने की जिम्मेवारी एक निजी कंपनी को दी गयी है. इसके लिए कंपनी ने कंपोस्टर मशीन लगायी है. निगम ने उसे करीब 20 फीट की जगह दी है. कचरा उठाव करके मशीन में डाल दिया जाता है. इससे मुंगेर में खुले में कचरा फेंकने की प्रक्रिया में कमी आयी है. नगर आयुक्त डॉ श्यामल किशोर पाठक ने बताया कि कचरा निस्तारण का फॉर्मूला हिट है, इसको अन्य वार्ड में विस्तार करेंगे. कचरा निस्तारण की मशीन भी बढ़ायेंगे.
भागलपुर : इधर भागलपुर में स्मार्ट सिटी कंपनी की पीडीएमसी कचरा निस्तारण को लेकर प्लानिंग बना रही है. सूखा व गीला कचरा का अलग-अलग निस्तारण करेंगे. बरारी व कनकैथी में जमीन तय की गयी है. यहां पर प्लांट स्थापित करने की प्रक्रिया शेष है. इन तमाम चीजों की प्लानिंग अभी कागज पर है. मगर एक करोड़ की मशीन खरीद ली गयी. काम नहीं होने से मशीन भी बरबाद हो रही है. इसका हिसाब देनेवाला भी कोई नहीं, न ही कोई पूछनेवाला कि दोषी कौन है.
चिल्ड्रेन पार्क में झूला है, लेकिन
उस पर रख दिये गये हैं कांटे
स्मार्ट सिटी योजना के तहत चिल्ड्रेन पार्क में लगाये गये बच्चों और बड़ों के झूले बिना देख-रेख के खराब हो जायेंगे. पहले चिल्ड्रेन पार्क को एक एजेंसी के द्वारा चलाया जाता था. तीन माह होने को आये इस एजेंसी द्वारा काम बंद कर दिया गया. वर्तमान में बच्चों के झूले पर बड़े और बच्चे दोनों बैठते हैं. लेकिन बड़े के लिए जो झूला लगाया उसे बचाने के लिए निगम ने उसे पैक कर उसके ऊपर कांटा वाली झाड़ी लगा दी है. निगम के द्वारा लाजपत पार्क और चिल्ड्रेन पार्क को एक साथ विकसित कर उसमें टिकट लेकर घूमने की व्यवस्था करने की बात कही गयी थी. लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हो पाया है.
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