भागलपुर : स्कूलों की प्रयोगशाला में अंधेरा है. अमूमन बंद रहने के कारण लैब में मकड़जाल लग चुका है. बिजली कनेक्शन नहीं है. गैस लाइट के भरोसे इंटर प्रायोगिक परीक्षा होगी. जिला स्कूल, मारवाड़ी पाठशाला और राजकीय बालिका विद्यालय को प्रैक्टिकल के लिए परीक्षा केंद्र बनाया गया है. प्रभात खबर टीम द्वारा पड़ताल करने पर पता चला कि यहां लैब में बिजली कनेक्शन नहीं है.
जिला स्कूल में लैब में अंधेरा पसरा हुआ था. बताया गया कि बिजली कनेक्शन नहीं है. मारवाड़ी पाठशाला में भी लैब में बिजली नहीं थी. यहां 25 हजार के साजोसामान खरीदे गये हैं जिसमें मीटर ब्रिज भी हैं. राजकीय कन्या विद्यालय में बिजली तो नहीं है लेकिन खिड़की से लाइट आती है. यहां उपकरणों का अकाल है. अलमारी में ताले भले ही लगे थे लेकिन अंदर सामान नदारद. स्कूल में टेबल पर धूल की परतें जमी हुई थीं. इन तीनों केंद्रों पर हजारों की तादाद में इंटर के परीक्षार्थी प्रैक्टिकल एग्जाम देने वाले हैं.
मैट्रिक के लैब में इंटर का प्रैक्टिकल : स्कूलों में लैब मैट्रिक के स्टैंडर्ड वाला है. इसी लैब में इंटर का प्रैक्टिकल लिया जायेगा. प्रयोगशाला में गैस और वाटर लाइन नहीं है. साजोसामान के अभाव और प्रयोगशाला के हाल से समझा जा सकता है कि साल में कितने दिन लैब खुलते होंगे.
प्रैक्टिकल का नाम, थ्योरी से चलेगा काम
बस कहने के लिए ही प्रैक्टिकल परीक्षा होगी. प्रैक्टिकल के बजाय थ्योरी से ही काम चलेगा. विज्ञान के विषयों में 30 अंक की परीक्षा होगी. इसमें पांच अंक प्रैक्टिकल कॉपी और पांच अंक मौखिक पूछताछ के होंगे. 20 अंक की थ्योरी होगी. कॉपी में लिखने के बाद इसका प्रैक्टिकल करना होगा. मगर थ्योरी से ही काम चलेगा प्रैक्टिकल नहीं होगा.
एक केंद्र पर होंगे हजार से डेढ़ हजार परीक्षार्थी
प्रैक्टिकल के लिए 24 परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं. हर केंद्र पर एक हजार से डेढ़ हजार परीक्षार्थी होंगे. 11 से 25 जनवरी तक होने वाली परीक्षा में रोजाना सौ से डेढ़ सौ विद्यार्थी प्रैक्टिकल देंगे. इस बार एक्सटर्नल आयेंगे. उनके नहीं आने पर इंटर्नल की जिम्मेवारी होगी लेकिन कई विद्यालय में शिक्षक नहीं हैं. मसलन राजकीय कन्या विद्यालय में जीव विज्ञान तो जिला स्कूल में फिजिक्स के प्लस टू के शिक्षक नहीं हैं.