भागलपुर :थाना स्तर पर पुलिस किस कदर लापरवाह है इसका एक और उदाहरण बबरगंज थाने में सामने आया है. बबरगंज थाना क्षेत्र के कुतुबगंज इलाके की नाबालिग लड़की का नौ अक्तूबर को अपहरण किया गया.
परिजनों ने कुतुबगंज के ही गोलू कुमार और उसके परिजनों पर अपहरण करने का आरोप लगाया. थाने में लिखित शिकायत की, लेकिन थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया. 12 अक्तूबर को मालदा में लड़की बरामद हुई. लड़की के बरामद होने पर बबरगंज पुलिस उसे लाने नहीं गयी. परिजन उसे मालदा से लेकर आये और बबरगंज पुलिस के हवाले किया. बबरगंज पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 12 अक्तूबर से ही नाबालिग लड़की को थाने में रखा गया है, लेकिन उसका 164 का बयान दर्ज नहीं कराया गया है. लड़की के परिजन इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी कोई नहीं सुनने वाला. उनकी बेटी थाने में पिछले पांच दिनों से किन परिस्थितियों में है इसको लेकर परिजन चिंतित हैं.
नाबालिग लड़की को इतने दिनों से थाने में कैसे रखा जा सकता है. बयान दर्ज कराने को लेकर पांच दिन से लड़की को थाने में रखना घोर लापरवाही है. मैं एसएसपी से बात करता हूं. इस मामले की जांच करायी जायेगी और दोषी पुलिसवाले के खिलाफ कार्रवाई होगी.
सुशील मानसिंह खोपड़े, जाेनल आइजी भागलपुर
थानाध्यक्ष कहते हैं समझौता कर लो
नाबालिग लड़की की मां ने बताया कि नौ अक्तूबर को लड़की के लापता होने की लिखित शिकायत लेकर वह बबरगंज थाना गयी, तो थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज करने से मना किया और कहा कि सनहा का आवेदन देना होगा. परिजनों से सनहा का आवेदन लेने के बाद थानाध्यक्ष ने कहा कि अपहरणकर्ता का नाम लिख कर देना होगा, तभी केस दर्ज होगा. परिजनों का कहना है कि 10 अक्तूबर को थाने में फिर से आवेदन दिया, जिसमें कुतुबगंज के गोलू के अलावा रवि कुमार, ओंकु कुमारी, चिंटू कुमार, भानू साह और गोलू की मां पर अपहरण का आरोप लगाया. इसके बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. 12 को लड़की की बरामदगी होने के बाद उसी दिन प्राथमिकी दर्ज की गयी. आरोप है कि थानाध्यक्ष लड़के के पक्ष से समझौता करने का दबाव बना रहे हैं. बबरगंज थानाध्यक्ष का कहना है कि कुछ कारणों से 164 का बयान दर्ज नहीं कराया जा सका है. उन्होंने सोमवार को बयान दर्ज कराने की बात कही.