भागलपुर : तेज गर्मी व उमस से लोग बेहाल हैं. सुबह से शाम तक पसीना बह रहा है, इससे चर्म रोग घातक होते जा रहे हैं.जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) के ओपीडी से चर्म रोग विशेषज्ञों के क्लिनिक पर मरीजों की लंबी लाइन लगने लगी है. इस मौसम में सबसे ज्यादा घातक फंगल इन्फेक्शन (दाद) है. यह इंफेक्शन हायर जनरेशन दवा लेने पर भी सही नहीं हो रहे हैं. चिकित्सकों के अनुसार फंगल इंफेक्शन के इलाज में लापरवाही करने पर इसकी जद में परिवार के अन्य सदस्य भी आ जाते हैं. इसके इलाज में समय भी अधिक लगता है. इस मौसम में वायरल इन्फेक्शन भी बढ़ रहे हैं. चिकनपॉक्स,
हरपीज के मरीज आने लगे हैं. शरीर पर लाल निशान होने के साथ दर्द हो रहा है. सोरायसिस की बीमारी भी तेजी से उभरने लगी है. चर्म रोग का बड़ा कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन इस मौसम में अपना सिर उठाने लगा है. इस बीमारी में मच्छरों व कीटों के काटने के बाद घाव में पस पड़ने लगता है. बैक्टीरियल इंफेक्शन के इलाज में भी समस्या आ रही है.
बचने का यह है उपाय
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
धूप, धूल व धुंआ से बचने के लिए खुले अंगों को ढक कर ही निकलें.
पानी का अधिक सेवन करें, खान पान का ध्यान रखें.
ताजे फल व हरी सब्जियों का सेवन करें.
तेल व मसालेदार भोजन व खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें.
मायागंज की ओपीडी में आनेवाले स्किन के बीमारों में 25 से 30 प्रतिशत बीमार फंगल इंफेक्शन (दाद या दिनाय) के हैं. पहले दवा लेने पर दाद सहित अन्य फंगल इन्फेक्शन 15 दिन से एक महीने में ठीक हो जाते थे. अब दवा बेसअर हो रही हैं. दवाओं की दोगुनी खुराक देने के बाद भी बीमारी दो से तीन महीने तक चल रही है. मौसम के बदलते मिजाज से दाद से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.
डॉ राजीव रंजन, असिस्टेंट प्रोफेसर सह चर्म रोग विशेषज्ञ, जेएलएनएमसीएच, भागलपुर
सामान्य दिनों की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक बढ़े त्वचा व स्किन वीडी के मरीज
ड्राइ हो रही स्किन: गर्मी और उमस से स्किन ड्राई होने लगी है. इससे भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. धूप में देर तक रहने पर स्किन में एलर्जी होने लगती है, जिससे शरीर पर दाने निकलने के साथ खुजली होती है.