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बीएड नामांकन में छात्रों की मुश्किलें बढ़ी

भागलपुर : बीएड सत्र 2017-19 में नामांकन के लिए छात्रों की मुश्किलें बढ़ गयी है. दो साल के बीएड कोर्स के लिए बीएड कॉलेज छात्र-छात्राओं से नामांकन फीस के रूप में 1,61, 600 रुपये मांग कर रहे हैं. मंगलवार को दर्जनों छात्र-छात्राएं प्रोक्टर व सीसीडीसी से मिले और कॉलेज की ओर से मांगी जा रही […]

भागलपुर : बीएड सत्र 2017-19 में नामांकन के लिए छात्रों की मुश्किलें बढ़ गयी है. दो साल के बीएड कोर्स के लिए बीएड कॉलेज छात्र-छात्राओं से नामांकन फीस के रूप में 1,61, 600 रुपये मांग कर रहे हैं. मंगलवार को दर्जनों छात्र-छात्राएं प्रोक्टर व सीसीडीसी से मिले और कॉलेज की ओर से मांगी जा रही फीस से उन्हें अवगत कराया.

नामांकन फीस को लेकर विवि प्रशासन व बीएड कॉलेज संघ आमने-सामने हो गये हैं. प्रोक्टर प्रो योगेंद्र, सीसीडीसी प्रो सुरेंद्र सिंह, लीगल ओएसडी डॉ राजेश तिवारी ने इस पर घंटों मंत्रणा की. बीएड नामांकन से जुड़े राजभवन के रेगुलेशन व राज्य सरकार द्वारा बीएड फीस से संबंधित जारी पत्र को खंगाला. सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा वर्ष 2016 में जारी पत्र में एक लाख, पांच हजार में ही बीएड कॉलेजों को नामांकन लेना है. फीस को लेकर यदि सरकार से कोई नया पत्र या फिर कोर्ट से आदेश आता है,

तो इसके बाद ही कॉलेज नामांकन फीस में बढ़ोतरी कर सकता है. विवि के निर्णय का बीएड कॉलेजों द्वारा अवहेलना किया जाता है. इस स्थिति में विवि उन कॉलेजों पर कार्रवाई कर सकता है. हालांकि निर्णय पर कुलपति की अंतिम मुहर लगनी अभी बाकी है. नामांकन में कॉलेजों द्वारा अधिक फीस मांगने से छात्रों की परेशानी बढ़ गयी है. छात्रों ने बताया कि पहले से उन्हें यह जानकारी मिली थी कि एक लाख, पांच हजार रुपये ही दो साल में लगेंगे.

नामांकन के लिए कॉलेज गये, तो बताया कि दो साल में 1,61,600 रुपये फीस लगेगी. नामांकन के दौरान 80,800 रुपये लिये जायेंगे. विवि के एक अधिकारी ने बताया कि एक लाख, पांच हजार रुपये में ही नामांकन लेने के लिए सभी कॉलेजों को विवि प्रशासन द्वारा पत्र भेजा जा रहा है. यदि विवि के निर्देश को बीएड कॉलेज नहीं मानते हैं, तो उन कॉलेजों पर कार्रवाई होगी.

छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि बीएड कॉलेजों की मनमानी पर विवि रोक लगाये. राजभवन रेगुलेशन के अनुसार 95 हजार ही फीस थी. राज्य सरकार ने एक लाख पांच हजार रुपये फीस की. कॉलेजों की ओर से फीस में कमी नहीं की जाती है, तो छात्र संगठन आंदोलन करेंगे. राजभवन को भी पत्र लिखा जायेगा.
प्रोक्टर ने कहा : प्रोक्टर प्रो योगेंद्र ने बताया कि फीस को लेकर पूर्व में बीएड कॉलेज संघ कोर्ट की शरण में गया था. उस समय 95 हजार रुपये फीस थी. कोर्ट ने वर्ष 2016 में आदेश जारी कर एक लाख पांच हजार फीस तय किया. फीस कम होने से फिर से बीएड कॉलेज के संगठन कोर्ट की शरण में गये. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि बीएड फीस को लेकर कमेटी बनाये. कमेटी राज्य भर के बीएड कॉलेजाें के लिए फीस तय करे. राज्य सरकार ने कमेटी ही नहीं बनायी, न ही नये फीस को लेकर कोई पत्र जारी किया.
ऐसे में 2016 में कोर्ट से जारी एक लाख, पांच हजार रुपये ही बीएड फीस मानी जायेगी. हालांकि फीस को लेकर फिर से बीएड कॉलेज संघ कोर्ट की शरण में गये हैं. कोर्ट से कोई दूसरा निर्णय आता है, तो उसके अनुसार कॉलेज काम करे. फिलहाल कॉलेजों को एक लाख पांच हजार में ही छात्र-छात्राओं का नामांकन लेना होगा.

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