भागलपुर: अतिक्रमण मुक्त अभियान चले एक साल बीत चुका है. एक साल बाद फुटपाथ पर एक बार फिर दुकानें सज गयी. स्थायी दुकानदारों ने फिर एक बार सड़क पर अपना ताम-झाम फैलाना शुरू कर दिया. इससे नाला व फुटपाथ नजरों से ओझल हो गये और शहर की रौनक बिगड़ गयी. जाम की समस्या फिर गंभीर बनती जा रही है.
शहर का मुख्य बाजार या शहर को जोड़नेवाले मोहल्ले की सड़क, इस पर एस्बेस्टस व टीना की चादर के शेड सजने लगे हैं, जिस पर एक साल पहले प्रशासन का बुल्डोजर चला था या फिर कुछ दुकानदारों ने खुद हटा लिये थे.
एक साल में चलंत दुकानों की संख्या कुछ दिनों तक बढ़ गयी. ज्यों-ज्यों प्रशासनिक कार्रवाई ढीली पड़ी, त्यों-त्यों फुटपाथ पर अतिक्रमणकारियों का कुनबा बढ़ने लगा. प्रशासनिक पदाधिकारी की सख्ती के आगे अतिक्रमणकारी नरम रहे. ठेला व साइकिल पर दुकानें चलने लगी. अब जब बागवाड़ी में दुकान के लिए जगह रद्द कर दिया गया, तो फुटपाथी दुकानदारों का मनोबल बढ़ गया. स्थायी दुकानदारों ने भी दुकान के आगे नाला को दुकान में मिला लिया और फिर उसके ऊपर अपना बरामदा बना दिया.
राहगीरों को पैदल चलना हुआ मुश्किल
लोहापट्टी, घंटाघर, तातारपुर, आदमपुर, तिलकामांझी चौक, मोजाहिदपुर आदि क्षेत्रों में फुटपाथ पर अतिक्रमण करने से राहगीरों को एक बार फिर पैदल चलना मुश्किल हो गया. सड़क पर जाम लगने लगा. घंटाघर चौक पर अधिकतर दुकानें ठेला पर सज गयी है. लोहापट्टी व आसपास बाजार में फिर से एक बार स्थायी दुकानदारों ने सड़क पर अपने सामान को सजाना शुरू कर दिया है. इससे दिनभर इस रोड पर जाम की समस्या बनी रहती है. लोहिया पुल के नीचे एनएच 80 पर सब्जी, फल व अन्य उपयोगी सामान की दुकानें सज गयी है.
सफलता पर बनी थी मानव श्रृंखला, अतिक्रमण लगाने पर कुछ नहीं
अतिक्रमण मुक्त अभियान पिछले वर्ष 28 जून से प्रशासन ने शुरू किया था. यह तकरीबन डेढ़ माह तक शहर में चला था. इसकी सफलता पर शहर के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने ऐतिहासिक मानव श्रृंखला बनायी थी और प्रशासनिक पदाधिकारियों के पहल की सराहना की थी. अब जब अतिक्रमण फिर से शुरू हुआ, तो न प्रशासनिक पदाधिकारी आगे आ रहे और न ही कोई सामाजिक संगठन के पदाधिकारी पहल करने पहुंच रहे.
कहते हैं फुटपाथी दुकानदार
लोहिया पुल के फुटपाथी दुकानदार कल्याण समिति के सचिव मो नीलू ने बताया कि अतिक्रमण मुक्त अभियान के समय अधिकतर दुकानें फुटपाथ से हट गयी थी. दुकानदारों को वेंडिंज जोन बना कर बसाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कहीं दुकान नहीं मिली. इसके बाद फिर दुकान लगाना विवशता है. घंटाघर चौक से हटे नमकीन दुकानदार शशिभूषण पोद्दार, मनिहारा डब्लू शर्मा ने बताया कि उनकी दुकानों को हटा कर बागबाड़ी में जगह दी गयी. अब यहां से भी हटाया जा रहा है. डेढ़ लाख रुपये की पूंजी फंसाया और सालभर इंतजार किया. अब कहां जायें. श्री पोद्दार ने बताया कि अधिकतर बिस्कुट व दालमोट बाजार के अभाव में बरबाद हाे गये.