विवि बीच का रास्ता निकालते हुए जल्द ही अधिवक्ताओं से संपर्क करने पर विचार कर रहा है ताकि सत्र 2017-18 के लिए लॉ कॉलेज को बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता मिल सकें. कुलपति प्रो नलिनीकांत झा ने बताया कि कॉलेज को काउंसिल से मान्यता मिले इसके लिए विवि कई बिंदुओं पर विचार कर रहा है. 10 साल के अनुभवी अधिवक्ताओं से संपर्क कर अनुरोध किया जायेगा. इसके अलावा चाणक्य काेचिंग संस्थान पटना से लॉ के शिक्षकों को भी गेस्ट टीचर के रूप में पढ़ाने के लिए बुलाया जायेगा. उन्होंने बताया अगली काउंसिल की बैठक के पहले प्रक्रिया पूरा की जायेगी.
विवि के लीगल ओएसडी राजेश तिवारी ने बताया कि अनुभवी अधिवक्ताओं से संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही अनुभवी अधिवक्ताओं की सूची तैयार की जायेगी. लॉ कॉलेज में सृजित पद के अनुरूप ही पार्ट टाइमर शिक्षकों को रखा जायेगा. उन्होंने छात्रों से अनुरोध किया है कि मान्यता को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं खड़ा करें. बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विवि को शिक्षक के शर्त पर मान्यता देने की बात कही है. पूर्व में बार काउंसिल की टीम ने लॉ कॉलेज का निरीक्षण किया था. टीम ने रिपोर्ट में शिक्षक की भारी कमी, होस्टल नहीं रहने व खेल मैदान की कमी बतायी थी. इसी आधार पर काउंसिल ने कॉलेज को पहले शिक्षक बहाल करने के लिए कहा था. पिछले रविवार को लॉ में नामांकन के लिए कॉलेज में प्रवेश परीक्षा होनी थी. लेकिन काउंसिल ने नये सत्र में नामांकन पर रोक लगा दिया है. कॉलेज प्रशासन को तत्काल प्रभाव से प्रवेश परीक्षा स्थगित करना पड़ी थी. लगभग 100 छात्रों ने नामांकन के लिए कॉलेज में आवेदन किया था.