पीरपैंती के शेरमारी बाजार की महेशराम पंचायत के गुड्डु प्रसाद का 18 माह का बेटा शिवराज लाइलाज बीमारी प्रिजोरिया से है ग्रसित
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पीरपैंती के ”पा” को महानायक का इंतजार
पीरपैंती के शेरमारी बाजार की महेशराम पंचायत के गुड्डु प्रसाद का 18 माह का बेटा शिवराज लाइलाज बीमारी प्रिजोरिया से है ग्रसित पटना एम्स में डॉक्टरों ने दे दिया है जवाब कहलगांव : पीरपैंती के ‘पा’ को अब काेई ‘महानायक’ ही लाइलाज बीमारी के अभिशाप से मुक्ति दिला सकता है. पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत शेरमारी बाजार […]
पटना एम्स में डॉक्टरों ने दे दिया है जवाब
कहलगांव : पीरपैंती के ‘पा’ को अब काेई ‘महानायक’ ही लाइलाज बीमारी के अभिशाप से मुक्ति दिला सकता है.
पीरपैंती प्रखंड अंतर्गत शेरमारी बाजार की महेशराम पंचायत निवासी गुड्डु प्रसाद सोनी व सजनी देवी की तीसरी संतान शिवराज साह उर्फ सोनी (उम्र 18 माह) लाइलाज बीमारी प्रिजोरिया से ग्रसित है.
इसके माता-पिता ने बताया कि जन्म के बाद चार माह तक शिवराज सामान्य बच्चों जैसा ही था, लेकिन पांच माह बाद इसे अचानक बुखार, दस्त व उल्टी होने लगी. कुछ भी खाने पर पेट के अंदर नहीं रहता था. शरीर सूखने लगा और सिर शरीर के आकार की अपेक्षा अधिक बढ़ने लगा.
आसपास के लोगों के कहने पर बेटे काे इलाज के लिए बर्द्धमान ले गया. वहां बच्चे को देखते ही डाॅक्टर ने साफ कह दिया कि यहां इसका इलाज संभव नहीं है. इसके बाद इसे पटना एम्स में भरती कराया. गुड्डू ने बताया कि एम्स में पांच माह तक शिवराज का इलाज हुआ, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. एम्स के डाॅ बिंदु कुमार व डाॅ अमित कुमार सिंहा ने बालक का तीन बार आॅपरेशन किया. अंतत: एम्स के डाॅक्टरों ने भी शिवराज के माता-पिता को इसका इलाज अन्य जगह कराने की सलाह दी.
छह लाख हो चुके हैं इलाज पर खर्च हालत में कोई सुधार नहीं : पिछले पांच माह के दौरान शिवराज के इलाज पर करीब छह लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. थक-हार कर इसके माता-पिता अब घर लौट चुके हैं. लाइलाज बीमारी प्रिजरिया से पीडित शिवराज की हालत अब ठीक नहीं है.
टूट चुके हैं माता-पिता, अब किसी महानायक की मदद का इंतजार : शिवराज अपने माता-पिता की तीन संतानों मे सबसे छोटा है. बडी बेटी सृष्टि छह साल की और बेटा निधान कुमार सोनी तीन साल का है. छोटा बेटा शिवराज सबका दुलारा है. लेकिन, इसके प्रिजोरिया रोग से पीडित हो जाने से पूरा परिवार दुखी है. ‘इसके पिता गुड्डु प्रसाद सोनी बाहर जाकर फेरी का काम करते है. पिता ने अपनी सारी कमाई बेटे के इलाज पर खर्च कर दी. इसके अलावा कुछ लोगों से कर्ज भी लेना पड़ा. अब लोगों के पैसे लौटाने की चिंता दिन-रात सता रही है. बेटे की हालत भी दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. गुड्डू कहते हैं, समझ में नहीं आ रहा है कि अपने इस लाडले को कहां ले जायें. हम पूरी तरह से टूट चुके हैं. अब तो कोई महानायक ही हमारी मदद कर सकते हैं.
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