अपने लोगों व दोस्तों की मुहब्बत खींच लाती है अपने वतन
भागलपुर : मिट्टी की खुशबू व अपनों के बीच ईद मनाने की तमन्ना लेकर विदेशों से लंबी दूर तय कर लोग अपने घर भागलपुर आये हैं. परिवार व दोस्तों के साथ ईद मनाने को लेकर वह काफी उत्सुक हैं.
उनका कहना है कि विदेशों में देसी सेवई का मिठास नहीं मिलती है. विदेशों की ईद पर देसी ईद हमेशा ही भारी रही है. खानकाह-ए-पीर दमड़िया परिवार से जुड़े सैयद शाह अशरफ आलम अपने पूरे परिवार के साथ सऊदी अरब से आये हैं. सज्जादानशीन के पुत्र हुसैन शाह आस्ट्रेलिया से ईद मनाने घर पहुंचे हैं. उनके आने से परिवार के लोगों में ईद की खुशी और बढ़ गयी है. घर में उनके पसंद के पकवान बनाये जा रहे हैं.
विदेशी पर देसी ईद भारी
सऊदी अरब के रोदा शहर में मल्टीनेशनल कंपनी में निदेशक के पद पर कार्यरत सैयद शाह अशरफ आलम अपने पुत्र इब्राहिम शाह व परिवार के साथ ईद मनाने घर आये हैं. उन्होंने बताया कि विदेशों में मनायी जाने वाली ईद व अपने देश में मनायी जाने वाली ईद में काफी फर्क है.
विदेशों में लोग ईद की नमाज पढ़ने के बाद घर में रहते हैं. शाम होने पर अपने जान पहचान वालों से मिलते हैं. जिस वक्त घर में रहते हैं, उस दौरान अपने रिश्तेदारों, दोस्त व पड़ोसियों को काफी मिस करते हैं. अपने देश में ईद सभी लोगों के साथ मिल कर मनाने में मजा आता है. वह कहीं नहीं मिल सकता है. उन्होंने बताया कि मक्का व मदीना में कई बार ईद की नमाज पढ़ी है. पिछले 30 सालों से सऊदी अरब में रह रहे हैं, लेकिन ईद मनाने घर ही आते हैं. रमजान का पूरा महीना सऊदी अरब में ईद जैसा ही रहता है.
रमजान के मौके पर ऑफिस में भी समय में बदलाव किया जाता है. जहां प्रतिदिन नौ घंटा काम करना होता है. रमजान में छह घंटा ही काम करना होता है. दिन में बाजार बंद रहता है, लेकिन रमजान के आखिरी दिनों में सेहरी के समय भी बाजार की दुकानें खुली रहती है. मसजिदों में तहजूद की नमाज जमात के साथ होती है. इब्राहिम शाह ने बताया कि अपने भाइयों व बहनों के बीच ईद मनाने में काफी अच्छा लगता है. साल भर से ईद आने का इंतजार करते हैं, ताकि अपने परिवार के लोगों के साथ ईद मनाये.
भागलपुर की सेवई की मिठास खींच लाती है घर : सज्जादानशीन सैयद शाह हसन मानी के पुत्र हुसैन शाह ईद मनाने के लिए आस्ट्रेलिया से घर आये हैं. वह आस्ट्रेलिया में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भागलपुर की सेवई की मिठास अपने घर खींच लाती है. ईद की असली खुशी अपने वतन व घर में अपने लोगों के बीच मनाने से मिलती है. ईद आने का इंतजार बेसब्री से करते हैं. परिवार के लोगों के साथ ईद की खुशी मनाते हैं. अपने बड़ों से दुआ के साथ-साथ ईद की पैरवी भी लेते हैं.