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सड़क,पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद

अनदेखी. समस्याओं के मकड़जाल में उलझा है नगर निगम का वार्ड नंबर चार निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन सुविधाओं से कोसों दूर बेगूसराय(नगर) : बेगूसराय नगर निगम के बने हुए पांच साल बीत गये लेकिन निगम की जो सुविधाएं कई वार्डों को मिलनी चाहिए वह उपलब्ध नहीं हो पा रही है. नतीजा है […]

अनदेखी. समस्याओं के मकड़जाल में उलझा है नगर निगम का वार्ड नंबर चार

निगम में शामिल तो हो गया, लेकिन सुविधाओं से कोसों दूर
बेगूसराय(नगर) : बेगूसराय नगर निगम के बने हुए पांच साल बीत गये लेकिन निगम की जो सुविधाएं कई वार्डों को मिलनी चाहिए वह उपलब्ध नहीं हो पा रही है. नतीजा है कि पंचायत से निगम में आये लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर निगम वाली सुविधाएं कब तक हमलोगों को मिल पायेगी. कुछ वार्डों की स्थिति तो पंचायत से भी बदतर है.
निगम में शामिल होने के बाद लोगों को यह उम्मीद जगी कि अब उन्हें सभी सुविधाएं मिलेगी और उनके दिन बहुरेंगे.
समस्याओं के मकड़जाल में उलझा है वार्ड नंबर चार :बेगूसराय नगर निगम वार्ड नंबर चार की स्थिति से नगर निगम का अंदाजा लगाया जा सकता है. नगर निगम का वार्ड नंबर चार दियारा क्षेत्र का कैलाशपुर गांधीग्राम है.
ऐसे गांव को भी बेगूसराय नगर निगम में शामिल कर दिया गया है. इस वार्ड का क्षेत्र मचहा गांव से गुप्ता बांध उत्तर और पूरब बीएमपी आठ तक फैला है. इस वार्ड के कैलाशपुर, गांधीग्राम और मचहा गांव मिला कर कुल आबादी 13 हजार के करीब है. इस वार्ड में चौतरफा समस्याएं दिखाई पड़ रही है. निगम में शामिल होने के बाद लोगों में आस जगी थी कि पंचायत से निगम में शामिल हुए हैं अब इस क्षेत्र का कायाकल्प होगा.लेकिन स्थिति जस की तस बनी है.
इस समस्या पर क्या कहते हैं वार्ड नंबर चार के लोग
इस वार्ड के कैलाशपुर और गांधीग्राम की बात करें तो इस क्षेत्र में सड़क,पानी,शिक्षा,स्वास्थ्य की समस्या बनी हुई है. इस इलाके में पानी में आयरन की मात्रा काफी है. जिससे इस क्षेत्र लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. बताया जाता है कि चापाकल का पानी कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है तो वह पीला दिखाई पड़ने लगता है. सबसे ताज्जूब की बात यह है कि निगम में रहने के बाद भी इस समस्या की ओर किसी का ध्यान नहीं जा पाया है. जबकि कई बार स्थानीय लोगों के द्वारा इस समस्या के बारे में विभाग का ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन आज तक यह समस्या बरकरार है. इस वार्ड में ईंट सोलिंग सड़क है लेकिन जर्जर हालत में है. कैलाशपुर गांव में मध्य विद्यालय कैलाशपुर से लेकर गांधीग्राम शिवमंदिर तक सड़क जर्जर होकर गड्ढे में तब्दील हो चुकी है.
इस वार्ड के अधिकांश लोगों के जीविकोपार्जन का मुख्य सहारा मजदूरी :इस वार्ड के अधिकांश लोग मजदूरी कर अपना एवं अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं. कैलाशपुर में अधिकांश घर अभी भी फूस की है. बरसात के मौसम में जब गंगा में पानी बढ़ता है तो पूरे दियारा क्षेत्र में तीन महीने तक जलजमाव की समस्या बनी रहती है. कई घरों में भी पानी प्रवेश कर जाता है. इस इलाके का संपर्क मुख्य पथ से कट जाता है. लेकिन इस समस्या के निदान के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई.
निगम सुविधा के नाम पर महज होती है खानापूर्त्ति :वार्ड नंबर चार में नगर निगम की सुविधा के नाम पर महज खानापूर्त्ति की जाती है. सुविधा के नाम पर नगर निगम के द्वारा प्रतिदिन तीन मजदूरों को भेज कर सफाई का कोरम पूरा कर लिया जाता है. निगम के इस वार्ड में मात्र एक सरकारी मध्य विद्यालय कैलाशपुर में और मचहा गांव स्थित गुप्ता बांध के पास एक प्राथमिक विद्यालय है. इस वार्ड में एक भी उपस्वास्थ्य केंद्र नहीं है. नतीजा है कि गंभीर रूप से अस्वस्थ होने वारे मरीजों को जिला मुख्यालय भेजना पड़ता है.
कैलाशपुर गांव जैसे दियारा क्षेत्र को नगर निगम में जोड़ कर यहां के लोग पांच वर्षों से सुविधा के लिए टकटकी लगाये हुए हैं. इस इलाके में सड़क व नाला जहां ठीक से अभी तक नहीं बन पाया है वहीं अन्य सुविधाओं के लिए भी इस इलाके के लोग इंतजार कर रहे हैं. इस वार्ड पर निगम के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देना चाहिए.
शंकर साह,पूर्व मुखिया,कैलाशपुर
नगर निगम बनने के बाद आज तक एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं बन सका. गरीबी घटने के बजाय यहां के लोगों की गरीबी और बढ़ी है. इस वार्ड को विशेष सुविधा मिले ताकि लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट सके.
रामरतन दास,कैलाशपुर
हमलोग नगर निगम क्षेत्र में आ गये हैं लेकिन जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है. पानी, शौचालय, सड़क, शिक्षा की समस्याएं इस वार्ड में गंभीर बनी है. इसके लिए किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही है.
रंजीत शर्मा, मचहा,वार्ड नंबर 4
नगर निगम बने छह वर्ष पूरा होने को है लेकिन क्षेत्र में एक भी विकास का कार्य दिखाई नहीं पड़ रहा है. आयरनयुक्त पानी इस इलाके के लोग पीने को विवश हैं. नतीजा है कि इस इलाके के लोग हमेशा अस्वस्थ रहते हैं. इस दिशा में सकारात्मक पहल करने की आवश्यकता है.
रामाश्रय चौधरी,किसान,मचहा,वार्ड नंबर चार
निगम के कुल 45 वार्डों में वार्ड संख्या चार सबसे पिछड़ा हुआ वार्ड है. इस क्षेत्र का प्रतिनिधि बने हुए मुझे मात्र तीन माह ही हुआ है. मैं भी मान रही हूं कि कैलाशपुर और गांधीग्राम क्षेत्र में विकास का कार्य नहीं हो पाया है. मेरा प्रयास होगा कि निगम में आवाज उठाकर इस क्षेत्र की समस्या को दूर कर सकूं.
प्रियंका कुमारी,निगम पार्षद, वार्ड नंबर चार
बेगूसराय नगर निगम वार्ड नंबर चार एक नजर में
वार्ड नंबर चार की कुल आबादी-13,000
इस वार्ड में पानी में सर्वाधिक है आयरन की मात्रा
शिक्षा के नाम पर नहीं है समुचित व्यवस्था
वार्ड में नहीं है स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था
जर्जर अवस्था में है ईंट सोलिंग सड़क
वर्ष में तीन माह इस वार्ड में रहता है जलजमाव
बेगूसराय नगर निगम का है सबसे बड़ा वार्ड
दो देसी कट्टा व चोरी के तार के साथ दो धराये

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