28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उपेक्षा का दंश झेल रहा है शहर का रेशम अंडी फार्म

बेगूसराय (नगर) : राज्य की सरकार कुटीर उद्योग को बढ़ावा देकर एक ओर जहां युवाओं को रोजगार और महिला को आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास का दावा कर रही है वहीं जिले के कुटीर उद्योग में शुमार बेगूसराय शहर में अवस्थित अंडी रेशम फॉर्म विभागीय उपेक्षा के कारण दम तोड़ती नजर आ रही […]

बेगूसराय (नगर) : राज्य की सरकार कुटीर उद्योग को बढ़ावा देकर एक ओर जहां युवाओं को रोजगार और महिला को आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास का दावा कर रही है वहीं जिले के कुटीर उद्योग में शुमार बेगूसराय शहर में अवस्थित अंडी रेशम फॉर्म विभागीय उपेक्षा के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है.

शहर के लोहियानगर में स्थित सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) तिरहुत प्रमंडल के द्वारा संचालित अंडी रेशम फॉर्म से जुड़े जिले के 1100 कीटपालकों के लिए अंडी रेशम उद्योग के लिए प्रशिक्षण, प्रोत्साहन व बाजार उपलब्ध कराता है. परंतु विभागीय उपेक्षा के कारण अंडी रेशम कीटपालन को कुटीर उद्योग के रूप में प्रचारित-प्रसारित करते हुए कीटपालकों की संख्या में विस्तार कर अधिक-से-अधिक लोगों को रोजगार दिलाने एवं इससे महिलाओं को जोड़ कर उसकी आर्थिक सशक्तीकरण में ज्यादा विस्तार नहीं हो पा रहा है.

बगैर सहायक अधीक्षक के ही हो रहा है फॉर्म का संचालन :संपूर्ण जिले के लोगों को अपने मुख्य कार्यों के अतिरिक्त सहायक आर्थिक क्रिया के रूप में अपने घर-आंगन में अंडी रेशम कीटपालन करनेवाले उक्त विभाग में एक लेखापाल और पांच अन्य कर्मियों के द्वारा ही उक्त फॉर्म का संचालन हो रहा है.
नतीजा है कि उक्त फॉर्म का संचालन सही रूप से नहीं हो रहा है. जनवरी, 2015 में अवकाश ग्रहण करने के बाद सहायक अधीक्षक के पद पर अभी तक नियुक्ति या प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है.
3.5 एकड़ में फैली जमीन पर अंडी पौधों का नहीं हो पा रहा है सही से रोपनी : जमीन के अनुपात में बहुत ही कम मात्रा में अंडी के पौधे उपलब्ध है, जिससे कीटपालन पर काफी असर पड़ रहा है. बताया जाता है कि 3.5 एकड़ में फैले इस फॉर्म की जमीन पर अंडी पौधे की रोपनी सही से नहीं हो पायी है. बताया जाता है कि अब तक 2015-16 की प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पायी है, जिससे काफी निराशा का भाव बना हुआ है.
ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं हो रहा कीटपालकों की संख्या में विस्तार:अंडी रेशम फॉर्म से पांच प्रखंडों में चेरियाबरियारपुर प्रखंड के कुल 618 कीटपालक जुड़े हुए हैं. वहीं बेगूसराय प्रखंड के मात्र 13 कीटपालक ही जुड़ पाये हैं. रेशम अंडी फॉर्म के द्वारा कीटपालक विस्तार की गति काफी धीमी है.
सभी संसाधनों से युक्त होने पर आय का बेहतर स्रोत हो सकता है फॉर्म :लगभग 500 रुपये में 100 डीएफएलएस (अंडे) का पालन कर उसे सिर्फ अंडी पौधे का आहार देकर 25 दिनों में ही लगभग आठ किलो रेशम कोकुन (रेशम धागा का कच्चा माल) तैयार किया जाता है. इसका बाजार मूल्य 2000-2500 होता है.
अगर विभाग के द्वारा इस उद्योग पर थोड़ा ध्यान दिया जाता, तो यह अंडी रेशम फॉर्म आज सूबे में चर्चित रहता लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण यह अंडी रेशम फॉर्म श्मशान में तब्दील है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें