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परचाधारी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर

जमीन से बेदखल बासगीत परचाधारियों को उनकी जमीन पर नहीं कराया गया कब्जा तेघड़ा नगर. बिहार सरकार ने जमीन से बेदखल बासगीत परचाधारियों को उनकी जमीन पर दखल कब्जा दिलाने के लिए पिछले दिनों ऑपरेशन दखल-दहानी अभियान चलाया, किंतु तेघड़ा में सरकार का यह अभियान सफलीभूत होता हुआ नहीं दिखा. इस अभियान के प्रति अधिकारियों […]

जमीन से बेदखल बासगीत परचाधारियों को उनकी जमीन पर नहीं कराया गया कब्जा तेघड़ा नगर. बिहार सरकार ने जमीन से बेदखल बासगीत परचाधारियों को उनकी जमीन पर दखल कब्जा दिलाने के लिए पिछले दिनों ऑपरेशन दखल-दहानी अभियान चलाया, किंतु तेघड़ा में सरकार का यह अभियान सफलीभूत होता हुआ नहीं दिखा. इस अभियान के प्रति अधिकारियों की उदासीनता के कारण अंचल अंतर्गत विभिन्न गांवों में आज भी कई गरीब परचाधारी अपनी जमीन से बेदखल होकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. चकदाद मधुरापुर दर्जी टोला की कैंसर पीडि़त मसोमात साजो खातून ने बताया कि उन्हें अंचल कार्यालय के माध्यम से विधिवत नौ धूर जमीन बासगीत परचे के रूप में हासिल है. इस पर निर्मित इंदिरा आवास में वह परिवार सहित वर्षों पूर्व से निवास कर रही थी, किंतु कुछ महीने पहले दबंगों ने मारपीट कर जमीन और मकान से बेदखल कर दिया. रातगांव पंचायत के राम विलास शर्मा ने कहा कि उन्हें परचा की जमीन में दबंगों द्वारा मकान बनाने से रोका जा रहा है तथा उनकी जमीन के कुछ भाग को जबरदस्ती अतिक्रमण कर लिया गया है. इसी तरह फुलवडि़या के विश्ववनाथ महतो, गौड़ा की अहिल्या देवी आदि कई अन्य परचाधारी गरीबों ने भी जमीन से बेदखल होने की शिकायत की है. इन लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री से लेकर वरीय अधिकारियों तक कई बार गुहार लगाने के बाद भी उन लोगों को अब तक न्याय नहीं मिला है.

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