बेगूसराय (कार्यालय) : एलपीजी डिस्ट्रब्यिूटरशिप से संबंधित अभिलेख व्यवसाय गोपनीय नहीं है. इसलिए आरटीआइ के तहत मांगी गयीं सूचनाएं आवेदक को अविलंब उपलब्ध करा दें. उक्त बातें केंद्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्त शरत सवरवाल ने बेगूसराय स्थित एनआइसी स्टूडियो में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आवेदक के द्वितीय अपील की सुनवाई के दौरान अपने एक अहम फैसले में कहीं.
आयोग ने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरशन लिमिटेड, पटना एलपीजी टेरिटरी की उस दलील को ठुकरा दी, जिसमें उसका कहना था कि चूंकि संबंधित अभिलेख व्यवसाय गोपनीय से संबंध है, इसलिए उसे दिया जाना संभव नहीं है. उक्त सुनवाई में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, पटना एलपीजी टेरिटरी के मैनेजर दिलीप केखोरवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक आरपी दास तथा आवेदक आरटीआइ एक्टिविस्ट गिरीश प्रसाद गुप्ता उपस्थित थे.
इस अवसर पर बरौनी, तेघड़ा तथा बेगूसराय क्षेत्र के भारत गैस के डिस्ट्रीब्यूटर भी उपस्थित थे, लेकिन उन्हें बाहर रखा गया. आवेदक ने 20 जुलाई, 2012 में ही भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड, पटना एलपीजी टेरिटरी से पांच बिंदुओं पर जनहित से संबंधित सूचनाएं मांगी थी, किंतु कंपनी ने उन्हें आधी अधूरी सूचनाएं उपलब्ध कराते हुए एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप से संबंधित अभिलेखों को व्यवसाय गोपनीयता बता कर देने से इनकार कर दिया गया था. इसके बाद आवेदक ने केंद्रीय सूचना आयोग, नयी दिल्ली में 18 सितंबर, 2012 में ही द्वितीय अपील दाखिल कर कंपनी को चुनौती दी थी.