अंधेरे में रहने को विवश हैं मटिहानी प्रखंड के नकटी टोला के लोग
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चार साल पहले गड़ा पोल आज तक नहीं टंगा तार
अंधेरे में रहने को विवश हैं मटिहानी प्रखंड के नकटी टोला के लोग बेगूसराय : चार साल पहले पोल गाड़े गये, परंतु उस पर आज तक तार नहीं टांगे गये. नतीजा आज तक बिजली की सप्लाइ नहीं हो सकी. बिजली विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है और सालों […]
बेगूसराय : चार साल पहले पोल गाड़े गये, परंतु उस पर आज तक तार नहीं टांगे गये. नतीजा आज तक बिजली की सप्लाइ नहीं हो सकी. बिजली विभाग की इस लापरवाही का खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है और सालों से लोग अंधेरे में रहने को बाध्य हैं. मटिहानी प्रखंड के वार्ड तीन नकटी टोला का लगभग 50 घर बिजली की रोशनी के लिए तरस रहा है.
चार साल पहले गाड़े गये थे पोल : विभाग द्वारा तकरीबन चार वर्ष पूर्व ही बिजली के खंभे को क्षेत्र में लगाकर खानापूर्ति कर दी गयी थी. बिजली विभाग के अधिकारी को इतनी भी फुर्सत नहीं जो उस खंभे पर तार को चढ़ा सके.
अंधेरे में रहते हैं एक दर्जन महादलित परिवार : सरकार द्वारा महादलितों को बेहतर जीवन यापन के लिए कई प्रकार की सरकारी सुविधाओं को सुचारु रूप से चलाया जा रहा है. बावजूद अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाएं उन परिवारों तक नहीं पहुंच पाती है. लिहाजा गरीब तबके के लोग बेबसी की जिंदगी जीने को विवश रहते हैं.
इसी प्रकार का आलम शहर से सटे मटिहानी प्रखंड के रामदीरी नकटी टोला वार्ड तीन के कुछ हिस्सों का है. बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र के लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं. इसी क्षेत्र में तकरीबन एक दर्जन से ऊपर महादलित परिवार बसे हुए हैं, जो वर्षों से बिजली के लिए तरस रहे हैं. सरकार द्वारा हर घर बिजली पहुंचने का दिया गया टास्क अधिकारी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
आंदोलन के मूड में हैं ग्रामीण : रामदीरी के वार्ड तीन नकटी टोला में लगभग 50 घरों को बिजली नहीं मिलने से अंधेरे में रह रहे लोग अब आंदोलन करने के मूड में आ गये हैं. उक्त क्षेत्र में बिजली की समस्या को लेकर खबर संकलन के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि बिजली की सुविधा नहीं रहने से शाम होते ही क्षेत्र में डर लगने लगता है.
घर के सदस्य केरोसिन से दिये जलाकर पूरी रात गुजारते हैं. आसपास के इलाके में बांस-बिट्टी होने के कारण सांप-बिच्छू का खतरा बना रहता है.
क्या कहते हैं ग्रामीण
तकरीबन चार वर्ष पूर्व क्षेत्र में बिजली के खंभे को लगाया गया था. बिजली के खंभे को लगाने के बाद विभाग भूल चुका है कि खंभे पर बिजली के तार को भी चढ़ाया जाना है.
शिवकुमार, ग्रामीण
पास के गांव में लगे बिजली के खंभे से पर्सनल तार खींच कर लाइन जला रहे हैं. बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इन चार वर्षों में बिजली की सप्लाइ नहीं की गयी.
छत्तीस सिंह, ग्रामीण
हर घर तक बिजली पहुंचाने का दावा जो सरकार ने किया था. उस दावे को बिजली विभाग के अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं. नतीजा पोल लगाने के चार साल बाद भी बिजली नहीं पहुंची.
संजू देवी, ग्रामीण
बोले अधिकारी
दीनदयाल विद्युतीकरण योजना के तहत काम चल रहा है. इसी के तहत पोल भी लगाये गये हैं. सामग्री आते ही तार लगाकर बिजली की सप्लाइ शीघ्र शुरू कर दी जायेगी.
सनत कुमार पाठक, कार्यपालक अभियंता
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