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रात में सड़कों पर मौत बन कर दौड़ते हैं ट्रक

बांका : शहर में देर शाम होते ही सड़कों पर मौत दौड़ने लगती है. नो इंट्री के टूटने के पहले ही सड़कों पर एक साथ सैकड़ों ट्रक तेज गति से दौड़ने लगती है. जिस तेजी से ट्रक गुजरती हैं उससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ट्रैफिक पुलिस का भी इन ट्रकों की रफ्तार […]

बांका : शहर में देर शाम होते ही सड़कों पर मौत दौड़ने लगती है. नो इंट्री के टूटने के पहले ही सड़कों पर एक साथ सैकड़ों ट्रक तेज गति से दौड़ने लगती है. जिस तेजी से ट्रक गुजरती हैं उससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. ट्रैफिक पुलिस का भी इन ट्रकों की रफ्तार पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाता. दरअसल बांका शहर में नो इंट्री के लिए रात की डेड लाइन 9 बजे है.

उस वक्त तक ट्रैफिक गार्ड भी वापस लौट जाते हैं. जिला पुलिस प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर लगाम लगायें ताकि आम लोगों की जिंदगी सुरक्षित बची रहे.

ट्रकों से पूर्व में भी हो चुके हैं हादसे: जिस प्रकार से रात के वक्त ट्रक सड़कों पर दौड़ती है उससे कई वारदात हो चुके हैं. फिर भी प्रशासन इस ओर जागरूक नहीं हुआ है. अभी छह माह पूर्व ही बांका थाना के समीप घर लौट रहे मसुरिया गांव निवासी एक रिक्शा चालक को ट्रक ने कुचल दिया था.
उसकी मौत मौके पर ही हो गयी थी. वहीं दूसरा मामला करीब साल भर पूर्व का है जब एक ट्रक ने शिवाजी चौक के समीप एक युवक को कुचल दिया था. तीसरा मामला डोकानियां मार्केट के समीप का है, जहां ट्रक ने एक युवती को कुचल दिया था, जिसमें वह अपाहिज हो गयी थी.
रात भर गुजरता हैं झारखंड का ट्रक : भागलपुर दुमका मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्त रहने के कारण झारखंड से आने वाली अधिकांश ट्रक बांका शहर से होकर गुजरता है. वहीं घोरघट पुल, राजेंद्र पुल तथा गांधी सेतु में खराबी रहने की वजह से अधिकांश ट्रक शहर से होकर गुजर रहे हैं. जिस कारण शहर पर अत्यधिक दबाव रहता है. दिन में कोई अप्रिय वारदात ना हो, इसके लिए प्रशासन ने नो इंट्री लगा रखी है. लेकिन नो इंट्री के खत्म होने के पूर्व ही अधिकांश ट्रक शहर में मौत बन कर नाचने लगते हैं.
शहर के लोगों ने कहा, प्रशासन रखे गति पर ध्यान
रात के वक्त ट्रक के गुजरने पर शहर के व्यवसायी संजय लाल का कहना है कि प्रशासन शहरी क्षेत्र में नजर बनाये रखे, ताकि ट्रकों की गति धीरे रहे और शहरवासी बगैर खतरे के अपने घर जा सकें. वहीं व्यवसायी श्याम प्रसाद साह तथा विकास कुमार का कहना है कि शाम के आठ बजते ही शहर से करीब चार से पांच हजार ट्रक तेज गति से गुजरने लगता है. इस बीच अगर किसी को भी सड़क पार करनी हो तो उनको काफी मशक्कत करनी पड़ती है.
वहीं शहर के मोबाइल व्यवसायी सिंटू कुमार व चंदन कुमार का कहना है कि शहर में नो इंट्री का वक्त रात के दस बजे तक होना चाहिए ताकि शहरवासी अपना काम आसानी से करें. वहीं शहरवासी आकाश कुमार, संजय झा तथा जॉनी कुमार का कहना है कि रात के वक्त दुकान से घर जाने में डर लगता है.

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