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दो एंबुलेंस के सहारे सदर अस्पताल

पांच में से चार एंबुलेंस बेकार. रोगी कल्याण समिति के वाहन से हो रहा काम एंबुलेंस सेवा देने में जिला स्वास्थ्य समिति एवं विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. बांका : सरकार सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करने को लेकर हर दिन नयी- नयी योजनाओं पर काम कर रही है. […]

पांच में से चार एंबुलेंस बेकार. रोगी कल्याण समिति के वाहन से हो रहा काम

एंबुलेंस सेवा देने में जिला स्वास्थ्य समिति एवं विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिये हैं.
बांका : सरकार सरकारी अस्पतालों को दुरुस्त करने को लेकर हर दिन नयी- नयी योजनाओं पर काम कर रही है. बेहतर सेवा मुहैया कराने की अपनी तमाम दलीलों के बीच स्वास्थ्य विभाग बांका जिले में मरीजों को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में ही विफल साबित हो रहा है. राज्य सरकार से अनुबंधित फर्म द्वारा एंबुलेंस सेवा प्रदान करने में असमर्थतता व्यक्त करने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई है.
फिलहाल रोगी कल्याण समितियों द्वारा अपने बूते जैसे तैसे आपात स्थितियों के लिए एंबुलेंस की सेवा बहाल रखी है. अनुबंधित फर्म द्वारा एंबुलेंस सेवाएं बंद कर दिये जाने की वजह से जिले में इनसे जुड़े ढ़ाई दर्जन से ज्यादा कर्मी बेरोजगार हो गये हैं. जिला स्वास्थ्य समिति एवं विभागीय अधिकारियों ने इस मामले में अपने हाथ खड़े कर दिये हैं. उधर सरकारी स्तर पर इस दिशा में अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिये जाने से जिले में एंबुलेंस सेवाओं की पुनर्बहाली की तत्काल कोई उम्मीद नहीं दिख रही. जिला स्वास्थ्य समिति के अधिकारियों ने भी इस मामले में निराशा व्यक्त की है.
नहीं ले पाते एंबुलेंस का लाभ : सदर अस्पताल में कुल पांच एंबुलेंस है. जिसमें 108 का एक वाहन एवं 102 एक वाहन खराब पड़ा हुआ है. वहीं 1099 का एक वाहन करीब 6 माह से अनुबंध फेल हो जाने से बेकार पड़ा हुआ है. 102 का दो एंबुलेंस जो विगत कई माह से मरीजों को सेवा दे पा रही है. जबकि प्रतिदिन कम से कम आधे दर्जन स्थानों से एंबुलेंस के लिए लोग कॉल आता है. लेकिन एक एंबुलेंस रहने के कारण कई मरीजों का इसका लाभ नहीं मिल पाता है. हालांकि मरीजों के बढ़ते दबाव को देख पिछले सप्ताह से अस्पताल प्रबंधक ने रजौन स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद एक एंबुलेंस को सदर अस्पताल ले आया है. जो मरीजों को फिलहाल सेवा दे रही है.
अनुबंध सेवा समाप्त होने से मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा
भुगतान के लिए फर्म में तोड़ा अनुबंध
राज्य स्तर पर भुगतान प्रक्रिया में जटिलता की वजह से अनुबंधित फर्म की बहुत बड़ी राशि स्वास्थ्य समिति के पास बकाया हो गयी. फर्म में इसकी मांग की तो समिति ने अंकेक्षण की आपत्ति पर इसके भुगतान में असमर्थतता व्यक्त की. फर्म ने इस पर अपनी सेवाएं बंद कर दी. फर्म अपनी बकाया राशि भुगतान के लिए हाई कोर्ट चला गया.
हाई कोर्ट ने यह मामला विचाराधीन है. इस बीच राज्य स्वास्थ्य समिति ने एंबुलेंस सेवाएं बहाल करने के लिए पुन: टेंडर की प्रक्रिया आरंभ की. लेकिन हाई कोर्ट ने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि जब तक पहले वाला मामला क्लियर नहीं हो जाता तब तक आगे की प्रक्रिया स्थगित रहेगी.
बेरोजगार हुए 30 कर्मी
एंबुलेंस सेवाएं बंद हो जाने की वजह से जिले में करीब 30 कर्मी बेरोजगार हो गये हैं. ये कर्मी अनुबंधित फर्म के अंतर्गत काम करते थे. फिलहाल रोगी कल्याण समिति इनसे दैनिक भत्ते पर काम ले रही है. काम भी सभी कर्मियों को नहीं मिल पा रहा है. दरअसल पहले सिर्फ 102 एंबुलेंस सेवा में तीन पालियों में इन आपातकालीन मेडिकल तकनीकी दस्ते की प्रतिनियुक्ति थी. इनमें चालक भी शामिल थे. अब स्वास्थ्य समिति का कहना है कि आगे टेंडर पर रोक है. इन कर्मियों के नियोजन के लिए पद सृजन तथा रोस्टर क्लियरेंस करना होगा जो तकनीकी कारणों से फिलहाल संभव नहीं है.

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