संजीव सिंह, बांका: मुगलकालीन अतीत की याद दिलाती मंदार मेला का इतिहास उस समय का है जब से भगवान मधुसूदन की मंदिर का मुगल वंश के राजा ने बौंसी तत्कालीन वालिसा नगरी में निर्माण कराया था. जो आज एक सद्भाव की मिसाल का हिस्सा बन गया. अब ये मिसाल लोगों की अटूट आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है. इसी किवदंती कथा को याद कर लोग निराश व चिंतित हैं. उन्होंने अपनी चिंता को प्रभात खबर के साथ साझा करते हुए कहा कि मंदार के गौरवशाली इतिहास में मेला परिसर में मंगलवार की देर रात भगदड़ में हुई तीन मौत एक काला अध्याय जोड़ गयी है. लेकिन मेले के सुनहरे अतीत को फिर से कायम रखने के लिए प्रशासन को सकारात्मक पहल कर इसकी गरिमा को बचाने की दरकार है. अपनी राय पेश करनेवालों में पूर्व विधायक भोला प्रसाद यादव, समाजसेवी निप्पू पांडेय, राजद प्रखंड अध्यक्ष दीप नारायण यादव, बौंसी प्रमुख कल्पना भारती, समाजसेवी सुधीर सिंह व बौंसी व्यावसायिक संघ के अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह का नाम शामिल है. सभी ने अपनी-अपनी राय पेश करते हुए कहा कि मेला का इतिहास बेदाग रखना प्रशासन के लिए चुनौती साबित हो रही है. वहीं मेला ठेकेदार के लिए चिंता का विषय है. इस विषय पर किसी ने कहा कि प्रशासन मेले में आनेवाले लाखों लोगों की आस्था व भावना का ख्याल रखते हुए मेला की रौनक बरकरार रखने को उचित कदम उठाये ना कि सख्ती बरत कर इसे पेचीदा बना दे.
BREAKING NEWS
भंवर में फंसा मेले का गौरवशाली इतिहास
संजीव सिंह, बांका: मुगलकालीन अतीत की याद दिलाती मंदार मेला का इतिहास उस समय का है जब से भगवान मधुसूदन की मंदिर का मुगल वंश के राजा ने बौंसी तत्कालीन वालिसा नगरी में निर्माण कराया था. जो आज एक सद्भाव की मिसाल का हिस्सा बन गया. अब ये मिसाल लोगों की अटूट आस्था का बड़ा […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement