बांका : बांका जंकशन पर रोशनी, पेयजल, शौचालय आदि का समुचित प्रबंध नहीं है. शाम होते ही स्टेशन परिसर अंधेरे के आगोश में हो जाता है. वही पेयजल व शौचालय की समुचित सुविधा न रहने से यात्रियों को काफी परेशानी होती है. पेयजल के लिए यहां यात्री खरीद कर पानी पीते हैं. जबकि शौच के लिए पुरुष वर्ग बोतल लेकर खुले मैदान की ओर चले जाते हैं. लेकिन महिला यात्रियों को शौचादि की यहां परेशानी होती है.
हालांकि स्टेशन परिसर में एक शौचालय जरूर बना है लेकिन इसकी साफ- सफाई नहीं होने से यात्री लाचारीवश खुले मैदान में शौचादि को जाते हैं. वही स्टेशन परिसर में रोशनी का समुचित प्रबंध नहीं रहने से रात्रि के समय में यात्री अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं उनके अंदर एक अनहोनी का भय रहता है कि कही पॉकेटमार या लूटेरा उसके सामान न लूट ले. रेलवे विभाग की खामियां सफर करने वालों के लिए बेबसी बनी हुई है. हालांकि स्टेशन को विकसित करने के लिए विभाग के कुछ न कुछ कार्य स्टेशन परिसर में हर वक्त चलते रहते हैं. लेकिन यात्रियों की जो मूलभूत सुविधाएं हैं, वो अभी यहां नगण्य है.