36.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नयी सरकार, नयी उम्मीद : सदर अस्पताल को मिले आइसीयू

बांका : बांका को जिला बने लगभग ढाई दशक होने को है, लेकिन जिले में अपेक्षित सुविधा नहीं मिल पायी है. एक जिले के सामान सभी सुविधाएं मिलनी यहां बाकी हैं. बांका एवं जमुई जिला एक ही दिन कुछ घंटे के अंतराल पर वर्ष 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा बनाया गया […]

बांका : बांका को जिला बने लगभग ढाई दशक होने को है, लेकिन जिले में अपेक्षित सुविधा नहीं मिल पायी है. एक जिले के सामान सभी सुविधाएं मिलनी यहां बाकी हैं. बांका एवं जमुई जिला एक ही दिन कुछ घंटे के अंतराल पर वर्ष 1991 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा बनाया गया था.

लेकिन बांका विकास के मामले में जमुई से पीछे ही रहा. बांका में जिला एवं सत्र न्यायालय वर्ष 2014 में चालू हुआ. जबकि जमुई में यह वर्षों पूर्व हो चुका था. बांका जिले में 100 बेड वाला अस्पताल तो बना दिया गया, लेकिन इसमें सुविधाएं नदारद हैं. इसका परिणाम है कि सदर अस्पताल में इलाज कराने आये अधिकतर मरीजों को अस्पताल में उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं मिलती. उन्हें जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय मयागंज भागलपुर रेफर कर दिया जाता है.

जिले में सड़क दुर्घटना के दो से तीन मामले प्रतिदिन सदर अस्पताल में आते हैं. उनके इलाज के लिए सदर अस्पताल में न ही आइसीयू वार्ड है और न ही सीटी स्कैन. इस कारण गंभीर रूप से चोटिल व्यक्ति को रेफर कर दिया जाता है. हालांकि सदर अस्पताल में डायलिसिस एवं इंडोस्कोपी का मशीन है. लेकिन यह भी धूल फांक रहा है.

उसे चलाने के लिए चिकित्सक ही नहीं हैं. आइसीयू के लिए रूम आवंटित सदर अस्पताल बांका में आइसीयू वार्ड बनाने के लिए कमरे खाली छोड़ दिये गये हैं. दरवाजे पर प्रस्तावित आइसीयू लिखा हुआ है. सदर अस्पताल बने लगभग 6 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन अब तक आइसीयू का निर्माण सदर अस्पताल में नहीं हो पाया है.

इस कारण गंभीर मरीजों का समुचित इलाज सदर अस्पताल में नहीं हो पाता है. अधिकांश मरीज होते हैं रेफर सदर अस्पताल के बड़े भवन में सुविधा व कर्मी की कमी लोगों को खलती है. अत्याधुनिक मशीनों को चलाने के लिए चिकित्सक नहीं है. भागलपुर रेफर मरीज भाग्यशाली रहे, तो ही वहां पहुंच पाते हैं.

क्या कहते है सीएसइस संबंध में सीएस सुधीर कुमार महतो ने बताया कि सदर अस्पताल में आईसीयू निर्माण के लिए बार-बार उच्चाधिकारी को पत्र लिखा गया है. लेकिन इस दिशा में अब तक किसी भी प्रकार की सकारात्मक पहल सरकार द्वारा नहीं हुई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें