सड़कें थीं सूनी, बूथ मतदाताओं से गुलजार – न्यूज से संबंधित सभी तसवीर पहले भेज दी गयी है. बांका विस क्षेत्र से लौट कर चंदन कुमार सिंहप्रतिदिन हजारों की संख्या में भीड़ से भरा रहनेवाला बांका शहर सोमवार को दिन भर पूरी तरह सूनसान रहा. शहर की दुकानें बंद रहीं.
सुबह सात बजे से ही कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतार लगी थी. कई जगह इवीएम की गड़बड़ी के कारण वोटिंग देर से शुरू हुई. बिंडी मतदान केंद्र संख्या 58 पर इवीएम खराब रहने से घंटों मतदान बाधित रहा. मंझियारा मतदान केंद्र 57 पर इवीएम खराब रहने से दो घंटे तक मतदान बाधित रहा.
दूसरा इवीएम मिलने पर मतदान शुरू हुआ. पंचायत भवन करमा केंद्र 53 पर भी इवीएम खराब रहने से करीब आधा घंटा तक मतदान बाधित रहा.
शहर से सटे शंकरपुर केंद्र 63 पर 124 वोट पड़ने के बाद इवीएम खराब हो गया. सूचना मिलने के घंटों बाद केंद्र पर दूसरा इवीएम भेजा गया. इसके बाद मतदान कार्य शुरू हुआ. मशीन खराब देख बहुत से मतदाता वोट डाले बिना ही लौट रहे थे. 10 बजे के बाद जिस तरह दिन चढ़ता गया ठीक उसी तरह मतदाताओं की भीड़ बढ़ती गयी. कहीं उत्साह तो, कहीं दिखी नाराजगी
बांका : चिलचिलाती धूप में भी मतदाता वोट डालने के लिए कतार में खड़े रहे. अधिकतर मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को धूप से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसके कारण मतदाता परेशान नजर आये.
बिन्डी, बाघाकोल, हरिपुर,बिशनपुर मतदान केंद्र की अधिक दूरी रहने के कारण बहुत कम मतदाता केंद्र पर वोट डालने पहुंचे. मतदाताओं का कहना था कि कड़ी धूप में पैदल चल कर इतनी दूर कौन जायेगा. भदरार गांव स्थित प्रोन्नत मध्य विद्यालय केंद्र संख्या 54 में रोशनी की सुविधा नहीं रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
इसके बाद स्थानीय लोगों ने घर लाकर लाइट की सुविधा इवीएम के पास उपलब्ध करायी, इसके बाद मतदाताओं को कुछ सहूलियत हुई. नये वोटरों में चरम पर था उत्साह बांका. कड़ी धूप के बावजूद युवा मतदाताओं में वोट डालने का उत्साह चरम पर दिखा. धूप में भी कई जगहों पर एक ही परिवार के कई सदस्य एक छाते के अंदर खड़े रह कर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. मतदान केंद्र पर नवजात शिशु को गोद में लेकर मां भी वोट करने पहुंचीं
, तो बुजुर्गों में भी मतदान का उत्साह कम नहीं था. मोनू सिंह, मुनमुन कुमारी, सिम्पी मिश्रा, प्रीति सिंह, कोमल सिंह पहली बार मतदान करने आयी थीं. उन्होंने बताया कि मतदान करने के बाद बहुत खुशी महसूस हो रही है. अब उम्मीद है कि बिहार में युवाओं के भविष्य की चिंता सरकार करेगी.