बीच शहर में अनुमंडल अस्पताल था, जिसको बंद कर दिया. जिले के जनप्रतिनिधि व स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों का दावा था कि जो सुविधा अनुमंडल अस्पताल में उपलब्ध नहीं थी, वह अब यहां के लोगों को सदर अस्पताल में मिलेगा. लेकिन, इनका दावा खोखला साबित हुआ.
एक तो बीच शहर में स्थानीय लोगों को आसानी से जो चिकित्सक उपलब्ध थे उससे भी महरूम होना पड़ा और दूसरा कि जो सुविधा और जितने चिकित्सक अनुमंडल अस्पताल में उपलब्ध थे उसमें भी कमी आ गयी. दूसरा अस्पताल भी तीन किलोमीटर दूर चला गया.