वे स्कूल में ही रहते थे. रविवार को विद्यालय में मदर डे के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम के बाद सभी शिक्षकों ने एक साथ लंच किया. इसके बाद विद्यालय के पीछे मैदान में स्कूली बच्चे व विद्यालय के सभी कर्मी खेलने चले गये. रोजाना सभी शिक्षक मैदान में बैडमिंटन खेलने जाया करते थे, पर रविवार को कंप्यूटर शिक्षक मैदान में खेलने नहीं गये व छत से ही खेल का आनंद ले रहे थे. शाम में जब सभी बच्चे व शिक्षक खेल के बाद विद्यालय पहुंचे तो उस समय भी गौरव प्रधान ने किसी से बात नहीं की. देर शाम में जब भोजन के लिए सभी बच्चों को बुलाया गया, तो वे किसी को नजर नहीं आये.
बच्चे के बाद जब सभी शिक्षक खाने के लिए गये और वे नहीं आये, तो उनकी खोज की गयी. विद्यालय के सभी कमरे में उनको खोजा गया. वहीं विद्यालय के कई कर्मी उनके फोन नंबर पर कॉल करने लगे. आस-पास के चौक चौराहे पर भी उन्हें खोजा गया, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल रहा था. इस दौरान एक कर्मी को विद्यालय के चौथे मंजिल के एक नव निर्मित कमरे में छत से उनका लहूलुहान शव लटका मिला. शव के आसपास में काफी मात्र में खून बिखरा था. उक्त कर्मी ने इसकी जानकारी स्कूल में मौजूद सभी शिक्षक व स्कूल के प्रधानाध्यापक एनके कर्ण को फोन पर दी. सूचना मिलते ही श्री कर्ण विद्यालय पहुंचे. घटना की जानकारी टाउन थाना को दी गयी.
थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर एसएन सिंह के निर्देश पर महिला इंस्पेक्टर मणी कुमारी दल बल के साथ विद्यालय पहुंची. देर रात हो जाने के कारण पुलिस ने शव को छत से ही लटका छोड़ दिया. सोमवार की सुबह पुलिस ने विद्यालय पहुंच कर शव को नीचे उतारा. इसके साथ ही शव के पास पड़े शिक्षक के मोबाइल, ईयर फोन, ब्लेड, पानी का बोतल व एक मोटी डायरी को पुलिस ने जब्त कर लिया. घटना स्थल पर पहुंची मणी कुमारी ने बताया कि शिक्षक ने आत्महत्या की है, उसकी हत्या नहीं हुई है. घटना स्थल पर शिक्षक द्वारा एक डायरी के चार पन्ने में लिखा खत मिला है, जिसमें आत्महत्या की बात कही गयी है. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शिक्षक के शव को उसके बहनोई के भाई को सौंप दिया. इसके साथ ही घटना स्थल पर मिले मोबाइल भी परिजन अपने साथ ले गये.