उसके बाद ईंट-भट्ठे के साथ-साथ छोटे-बड़े व्यवसायी भी माफियाओं से कोयले की खरीद-बिक्री करते हैं. झारखंड से निकले कोयले के अवैध ट्रक के पास कोई कागजात नहीं होते हैं और इस काले कारनामे को जब-जब पुलिस सामने लाने की कोशिश करती है, तब तक माफियाओं द्वारा कुछ ही घंटों में कागजात उपलब्ध करा कर उस अवैध ट्रक को वैध बना कर पुलिस के चंगुल से छुड़ा लिया जाता है.
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कोयले के काले कारोबार में कई सफेदपोश भी
बांका: कोयले के काले कारोबार में कई सफेदपोश के हाथ भी काले हैं. इसके कारण पुलिस कोई भी कदम उठाने से पहले हिचकती है. जिले के आधा दर्जन से अधिक ऐसे सफेदपोश हैं, जिनका सह इस कारोबार पर है. इनकी सह पर माफिया आसानी से इस काले कारोबार को करते हैं. इनका मुख्य बाजार अमरपुर […]
बांका: कोयले के काले कारोबार में कई सफेदपोश के हाथ भी काले हैं. इसके कारण पुलिस कोई भी कदम उठाने से पहले हिचकती है. जिले के आधा दर्जन से अधिक ऐसे सफेदपोश हैं, जिनका सह इस कारोबार पर है. इनकी सह पर माफिया आसानी से इस काले कारोबार को करते हैं. इनका मुख्य बाजार अमरपुर और रजाैन है, जहां पर एकमुश्त कोयले की खपत होती है.
क्या कहते हैं एसपी
इस संबंध में एसपी डॉ सत्य प्रकाश का कहना है कि अब अवैध कोयला इधर से होकर नहीं गुजरता है. जब-जब सूचना मिलती है तो पुलिस कार्रवाई करती है.
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