बाराहाट . फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में बहाल की गयी आशा कार्यकर्ता को जिलाधिकारी के आदेश के बाद चयन मुक्त कर दिया है. वर्ष 2013 में प्रखंड के खड़हरा पंचायत में आशा कार्यकर्ता का चयन किया जाना था. जिसमें कई आवेदकों ने अपने अपने प्रमाण पत्र के साथ चयन के वक्त आवेदन दिया था. जिसमें बीबी सालदा ने भी अपना आवेदन दिया था और उनका चयन हो गया. जिसमें उन्होंने प्रमाण पत्र के लिए आठवां पास और अपने आप को तलाक शुदा बतलाया था. इस आधार पर वो आराम से कार्य करने लगी लेकिन जब इस बात की जानकारी उसके पति मोहम्मद इजहार को हुई तो उसने बाराहाट अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा प्रभारी डॉ पी.के.झा से मिल कर सारा सच बताया की उसकी तीन संतान हैं और ना तो बीबी शालदा का तलाक हुआ है और ना ही उसने कभी पढ़ाई की है. उसके इस जानकारी पर प्रभारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया. थक हार कर उसने नवंबर 2013 में एक आरटीआइ आवेदन देकर अस्पताल से चयन प्रक्रिया की पूरी कॉपी की सूचना मांग ली. जिसमें सारा सच सामने आ गया. इस आधार पर मोहम्म्द इजहार ने 10 फरवरी 13 को जिलाधिकारी के जनता दरबार में आवेदन देकर फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने को लेकर कार्रवाई की मांग की गयी. जिलाधिकारी के जांच के आदेश के बाद जब जांच शुरू हुई तो बीबी सालदा ने जिस श्री पाथर पटवा स्कूल से आठवां पास होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. वहां के विद्यालय प्रधान ने उसे फर्जी करार दिया. जिसके बाद जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव जिला स्वास्थ्य समिति बांका को पत्रांक 878 डीएचएस के द्वारा 3 नवंबर 14 को बीबी सालदा को चयन मुक्त करने का आदेश दिया.
फर्जी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोप में आशा कार्यकर्ता मुक्त
बाराहाट . फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में बहाल की गयी आशा कार्यकर्ता को जिलाधिकारी के आदेश के बाद चयन मुक्त कर दिया है. वर्ष 2013 में प्रखंड के खड़हरा पंचायत में आशा कार्यकर्ता का चयन किया जाना था. जिसमें कई आवेदकों ने अपने अपने प्रमाण पत्र के साथ चयन के […]
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